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सैनिक स्कूल घोड़ाखाल में शिक्षण और गैर शिक्षण पदों पर निकली भर्ती

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सैनिक स्कूल घोड़ाखाल भर्ती 2024  सैनिक स्कूल घोड़ाखाल में निकली भर्ती  सैनिक स्कूल घोड़ाखाल ,नैनीताल में अनुबंध के आधार पर  शिक्षण और गैर शिक्षण पदों के लिए भर्ती निकाली गयी है इसमें TGT अंग्रेजी और पीटीआई /PEM -कम मेट्रन के पदों के लिए आवेदन मांगे गए है यदि आप युवा है और मानक के अनुसार इन पदों के लिए योग्य अभ्यर्थी है तो ये एक सुनहरा अवसर है |  TGT अंग्रेजी और पीटीआई /PEM -कम मेट्रन के पदों के लिए एक एक पद रिक्त है जिसमे   पीटीआई /PEM -कम मेट्रन,  अंग्रेजी विषय के लिए निम्न शैक्षिणिक योग्यताएं, वेतनमान और आवेदन प्रक्रिया इस प्रकार से है - NCERT से रीजिनल कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन का चार वर्ष का एकीकृत डिग्री कोर्स |  50 प्रतिशत अंको के साथ स्नातक ऑनर्स डिग्री |  सीबीएसई द्वारा आयोजित CTET -2 की परीक्षा उत्तीर्ण |  अभ्यर्थी अंग्रेजी भाषा में छात्रों को पढ़ाने की क्षमता रखता हो और अंग्रेजी भाषा में निपुण भी हो |  आयुसीमा 21 वर्ष से कम लेकिन 35 वर्ष सेअधिक न हो |  वेतनमान 44900 रूपये प्रति माह है |  केवल शॉर्टलिस्ट किये गए अभ्यर्थियों क...

उत्तराखण्ड समान नागरिक संहिता रिपोर्ट में न्याय की देवी की आँखों पट्टी नहीं , इसका है गहरा अर्थ

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उत्तराखंड -कानून अब सबको समान दृष्टि देखेगा  उत्तराखण्ड समान नागरिक संहिता रिपोर्ट कवर पेज  उत्तराखंड सरकार ने  समान नागरिक संहिता का प्रारूप तैयार करने के लिए एक समिति का गठन किया था जिसकी रिपोर्ट आज चार खंडो में सरकार को सौंप दी गयी है सबसे आश्चर्य की बात ये है कि इसके ऊपरी पृष्ठ पर जो न्याय की देवी की पिक्चर लगाई गयी है उसकी आँखों पर कोई पट्टी नहीं लगाई गयी है जैसा कि भारत सहित अनेक देशों की अदालतों में देखा जाता है कि न्याय की देवी की आँखों पर पट्टी बंधी होती है वैसे न्याय की देवी की आँखों पर पट्टी बांधने की परम्परा मिश्र की देवी माट और यूनान की देवी थेमिस और डाइक से प्रेरित है |  UCC या समान नागरिक संहिता रिपोर्ट के कवर पेज पर बिना पट्टी वाली न्याय की देवी की फोटो का एक गहरा अर्थ है इसे समानता से समरसता टाइटल दिया गया है यानि कानून अब सबको समान नजरों से देखेगा | इसके चार खंड है और ये हिंदी व अंग्रेजी दोनों भाषाओँ लिखी गयी है | पहले खंड में विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट है इसके दूसरे भाग में ड्राफ्ट कोड लिखें गए है इसके तीसरे भाग में हितधारकों के विचार विमर्श का...

उत्तराखंड के छात्रों को तमिल भाषी प्रदेशों में भ्रमण का अवसर- केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय

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एक भारत श्रेष्ट भारत के अंतर्गत पंजीकरण आरम्भ  छात्रों को भ्रमण का अवसर- केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय  केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार ने सभी राज्यों और विश्वविद्यालयों को पिछले दिनों एक पत्र लिखा है जिसके अंतर्गत राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के तहत एक भारत श्रेष्ठ  भारत के कार्यक्रम युवा संगम के चौथे चरण को मंजूरी दी गयी है , इस कार्यक्रम में भारत के 18 वर्ष से 30 आयुवर्ग के छात्र और युवा शामिल सकते है इसमें स्कूल स्तर पर पढने वाले छात्रों के साथ साथ विश्वविद्यालयों में पढने वाले छात्र भी शामिल हो सकेंगे |  एक भारत  श्रेष्ठ  भारत प्रोग्राम में पंजीकरण की अंतिम तिथि 4 फरवरी 2024 है इसमें ऑफ कैंपस के छात्र भी प्रतिभाग सकते है | पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद एक चयन समिति इन छात्रों में से मानक के अनुसार छात्रों का चयन करेगी फिर दो या दो से अधिक राज्यों के छात्रों को 10 -10  के ग्रुप में आपस में एक टीम के रूप में साथ दूसरे राज्यों में एक हफ़्ते के लिए भ्रमण के लिए भेजा जायेगा , भ्रमण के उपरांत सभी छात्र एक रिपोर्ट बनाकर देंगे |  एक...

छात्रों के शैक्षिक स्तर के कम होने पर खंड शिक्षा अधिकारी रामगढ मुक्तेश्वर नैनीताल ने की कार्यवाही

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क्या शैक्षिक स्तर कम होने के लिए केवल शिक्षक ही जिम्मेदार है ? छात्रों के शैक्षिक स्तर के कम होने पर शिक्षक  ही दोषी  क्या किसी स्कूल में छात्रों के शैक्षिक स्तर कम होने के पीछे केवल शिक्षक को ही दोषी मानना चाहिए , क्या केवल शिक्षक ही सब प्रकार की अव्यवस्थाओं के लिए जिम्मेदार है स्कूल में प्राथमिक सुविधाओं की कमी , लाइट का न होना , प्रयाप्त शिक्षकों की कमी , सत्र के आरम्भ होने के 6 महीने के बाद पाठ्यपुस्तकों की प्राप्ति , असंख्य डाक और सूचनाओं का आदान प्रदान , क्या इन सब के शैक्षिक दायित्व से इतर कामों के बावजूद केवल शिक्षक को ही शैक्षिक स्तर में कमी के लिए जिम्मेदार ठहराना उचित कहा जा सकता है |  रामगढ ब्लॉक की खंड शिक्षा अधिकारी गीतिका जोशी ने प्राथमिक विद्यालय जौरासी का औचक निरीक्षण किया तो उन्होंने छात्रों से सीधे वार्ता की जिसमे उन्होंने पाया कि  प्राथमिक विद्यालय जौरासी में पढ़ने वाले छात्रों का शैक्षिक स्तर उस लेवल का नहीं है जिस लेवल का उसे होना चाहिए यानि एक प्रकार से छात्रों को उपचारात्मक शिक्षण की आवश्यकता थी लेकिन  रामगढ ब्लॉक की खंड शिक्षा अधिकारी ने...

CBSE ने दिया माध्यमिक शिक्षा में परिवर्तन का सुझाव , जल्दी ही देखने मिलेगा बड़ा परिवर्तन

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सेकेंडरी और हायर सेकेंडरी लेवल पर शैक्षणिक ढांचे में बदलाव की तैयारी CBSE ने दिया माध्यमिक शिक्षा में परिवर्तन का सुझाव केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई ) सेकण्ड्री और हायर सेकंडरी स्तर पर शैक्षणिक ढांचे में बड़े परिवर्तन की तैयारी करने जा रहा है , जल्दी ही ये परिवर्तन माध्यमिक शिक्षा में देखने को मिल सकता है | ये परिवर्तन नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क को स्कूली शिक्षा से जोड़ने की सीबीएसई के पहल में एक बड़ा कदम माना जा रहा है इस क्रेडिट पद्धति का उदेश्य प्रोफेशनल और सामान्य शिक्षा के बीच अकादमिक समानता और समन्वय के साथ गतिशीलता भी प्रदान करना है , वर्तमान में भारत में स्कूल करिकुलम में क्रेडिट सिस्टम लागू नहीं है , ये सब राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत हो रहा है |  सीबीएसई के इस प्रस्ताव में कक्षा 10 के छात्रों को अब पांच के स्थान पर 10 विषयों में परीक्षा देनी होगी इसमें से भी इन छात्रों को दो के स्थान पर तीन भाषाओँ को पढ़ना होगा जिसमे दो भारतीय भाषायें अनिवार्यतः होगी , इस प्रकार से तीन भाषा विषय और सात अन्य विषयों को मिलाकर कुल दस विषय छात्रों को पढ़ने होंगे | इन सात विषयों म...

इस प्रदेश में स्कालरशिप के लिए सामान्य ,OBC के आवेदन करने की समय सीमा SC , ST से अलग क्यों ?

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भेदभाव न तो संवैधानिक है न ही नैतिक, सेल्फ फाइनेंस कॉलेज फेडरेशन ने किया विरोध  सेल्फ फाइनेंस कॉलेज फेडरेशन ने किया विरोध  उत्तर प्रदेश के कॉलेजों में स्कालरशिप और फीस प्रतिपूर्ति के लिए सामान्य,OBC और अल्पसंख्यक छात्रों के लिए आवेदन करने की समय सीमा SC और ST जाति के छात्रों से अलग करने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है | सेल्फ फाइनेंस कॉलेज फेडरेशन ने भी इस बारे में अपनी आपत्ति दर्ज कराई है क्योंकि SC और ST के छात्रों को स्कॉलशिप और फी प्रतिपूर्ति के लिए आवेदन करने के लिए मार्च तक लम्बा समय दिया गया है जबकि इसी प्रदेश में सामान्य , अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक वर्ग के विद्यार्थियों के लिए  स्कॉलशिप और फी प्रतिपूर्ति के लिए आवेदन करने की समय सीमा 18 जनवरी 2024 को ही समाप्त का दी गयी है जिससे हजारों छात्र अभी भी इसमें आवेदन करने से वंचित रह गए है |  स्कॉलशिप और फी प्रतिपूर्ति के लिए प्रदेश के लाखों छात्र हर वर्ष आवेदन करते है  |  सेल्फ फाइनेंस कॉलेज फेडरेशन ने उत्तर प्रदेश शासन से सभी छात्रों के लिए  स्कॉलशिप और फी प्रतिपूर्ति के लिए आवेदन करने की समय सी...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि बिना टीईटी उत्तीर्ण प्राथमिक शिक्षकों का न किया जाये प्रमोशन

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राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) ने भी जारी की  अधिसूचना बिना टीईटी उत्तीर्ण प्राथमिक शिक्षकों का न किया जाये प्रमोशन  इलाहबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने अपने एक आदेश में कहा कि जिन प्राथमिक शिक्षकों ने  टीईटी पास नहीं की है उनको पदोन्नति नहीं दी जाए , कोर्ट ने ये भी कहा कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) द्वारा 11 सितम्बर 2023 को जारी अधिसूचना के अंतर्गत निर्णय लेने के बाद ही प्राथमिक शिक्षकों की पदोन्नति की प्रक्रिया पूरी कर सूची को अंतिम रुप से सार्वजनिक किया जाए | पिछले वर्ष 11 सितम्बर को जारी  राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) की अधिसूचना के अनुसार प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के सहायक अध्यापक और प्रधान अध्यापक या अध्यापिका के पदों पर पदोन्नति के लिए  टीईटी की परीक्षा को उत्तीर्ण करना अनिवार्य किया गया है हालाँकि कोर्ट ने ये भी कहा कि ये आदेश टीईटी उत्तीर्ण अध्यापकों की पदोन्नति में अवरोध नहीं माना जाना चाहिए |  याची ने उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा सेवा नियमावली 1981 के नियम 18 के अंतर्गत कहा कि प्राथमिक शिक्षकों की पदोन्नति के लि...