दिल्ली में नया शैक्षिणिक ट्रेंड -कक्षा 10 बोर्ड परीक्षा में ऐसे आएंगे बेहतर नतीजे
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कक्षा 10 बोर्ड परीक्षा में ऐसे आएंगे बेहतर नतीजे- दिल्ली में नया शैक्षिणिक ट्रेंड
परीक्षा |
सभी शिक्षकों विशेषतः जो माध्यमिक शिक्षा से जुड़े है उन पर हर वर्ष इस बात का काफी दबाव रहता है कि बोर्ड की परीक्षा में परीक्षा परिणाम उच्च रहना चाहिए यदि किसी विषय में बोर्ड परीक्षाओं का परीक्षा परिणाम राज्य के बोर्ड परीक्षा के कुल परीक्षा परिणाम से कम रहता है तो उस विषय के विषयाध्यापक को इसके लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया जाता है बिना ये जाने की किन परिस्थितियों में शिक्षक ने कार्य किया है और पिछली कक्षाओं से आने वाले छात्रों की गुणवत्ता कैसी थी या क्या उन्हें विषयों का आधारभूत ज्ञान था ,जो पूरी तरह से एक तरफा कार्यवाही हो जाती है |
दिल्ली सरकार के शिक्षा मॉडल की बहुत बातें की जाती रही है लेकिन हाल ही में भाजपा के नेता अरविन्द सिंह लवली ने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाया है कि दिल्ली के शिक्षक कक्षा 10 का बोर्ड परीक्षा परिणाम सुधारने के लिए अब एक नया तरीका अपना रहे है वो कक्षा 9 में अधिक हार्ड मार्किंग करते हुए काफी संख्या में छात्रों को कक्षा 9 में ही रोक रहे है और केवल उन्ही छात्रों को कक्षा 9 में से उत्तीर्ण कर रहे है जो पढाई में बहुत अच्छे है और कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा में अच्छे परिणाम दे सकते है जिससे कक्षा 9 में काफी छात्र सफल नहीं हो पा रहे है जबकि होना ये चाहिए कि कक्षा 9 में अध्यापक को अधिक परिश्रम करते हुए छात्रों को अधिक प्रेरित करना चाहिए जिससे अधिक संख्या में कक्षा 9 से छात्र कक्षा 10 में जा सकें | भाजपा नेता अरविन्द सिंह लवली के अनुसार शिक्षा क्रांति की बात करने वाली केजरी सरकार ने पिछले पांच वर्षों में 177 शैक्षिणिक संस्थानों को बंद कर दिया है उन्होंने ये भी कहा कि इस वर्ष 280000 से भी अधिक छात्रों ने कक्षा 9 की परीक्षा दी है जिनमे से 105000 के लगभग छात्रों को अनुतीर्ण कर दिया गया है जिससे अगले वर्ष कक्षा 10 में बेहतर परीक्षा परिणाम हासिल किये जा सकें, ये बहुत गलत ट्रेंड है
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