वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए विभागीय आय व्ययक तैयार किये जाने के सम्बन्ध में

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वित्तीय वर्ष 2025-26  के लिए विभागीय आय व्ययक  पेज 01  पेज 02  YOU MAY ALSO LIKE IT- हिममेधा ब्लॉग उत्तराखण्ड में शिक्षकों को दुर्गम की सेवाओं का दोगुना लाभ मिलना शुरू  इस पड़ौसी राज्य में अब सहायक अध्यापक भी बन सकेंगे प्रधानाचार्य  प्रोजेक्ट कार्य सामाजिक विज्ञान- यूरोप में समाजवाद और रुसी क्रांति  सीबीएसई परीक्षा में स्कूल ने गलती से छात्रा को दे दिए जीरो मार्क्स, अब कोर्ट ने लगाया 30 हजार रूपये का जुर्माना  उत्तराखण्ड बोर्ड ने घोषित की प्रैक्टिकल और बोर्ड परीक्षा की डेट

अटल स्कूलों में सुगम में तैनात शिक्षकों के लिए शिक्षा निदेशालय ने शासन को नया प्रस्ताव भेजा

सुगम में तैनात शिक्षकों को नहीं मिलेगा दुर्गम का लाभ

 

शिक्षा निदेशक श्री महावीर सिंह बिष्ट 

दुर्गम के अटल स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती शिक्षा विभाग की परेशानी का सबब बनी हुई है, शिक्षा निदेशक श्री महावीर सिंह बिष्ट के मुताबिक सुगम क्षेत्रों के अटल स्कूलों में तैनात शिक्षकों की अटल की सेवाएं भी दुर्गम की सेवाओं में जुड़ने से अधिकांश सुगम के शिक्षक दुर्गम के क्षेत्रों में जाने को तैयार नहीं है जिसके कारण दुर्गम के अटल स्कूलों में शिक्षकों की कमी हो रही है जबकि सुगम के अटल स्कूलों में शिक्षकों की संख्या पर्याप्त है इससे पहले ये नियम था कि चयनित शिक्षकों को प्रोत्साहन के रूप में सुगम के अटल स्कूल में तैनात शिक्षकों की सुगम की अटल की सेवाओं को भी दुर्गम की सेवाएं माना जायेगा जबकि दुर्गम में तैनात अटल शिक्षक की एक वर्ष की दुर्गम को दो वर्ष की माना जाएगा जो उसके सेवा पोर्टल के वर्षो में जोड़े जायेंगे |   

 शिक्षा निदेशक श्री महावीर सिंह बिष्ट के मुताबिक शिक्षा विभाग ने शासन को एक प्रस्ताव बनाकर भेजा है कि सुगम के अटल स्कूलों में तैनात शिक्षकों की सेवाओं को दुर्गम की सेवाएं ना माना जाएँ , शिक्षा निदेशालय के अनुसार देहरदून , हरिद्वार ,उधमसिंह नगर , नैनीताल जनपदों के सुगम के अटल स्कूलों में तैनात शिक्षकों की सेवाएं दुर्गम में जुड़ने के कारण इन विद्यालय के शिक्षक अब दुर्गम के अटल स्कूलों में जाने को तैयार नहीं है इन स्कूलों में शिक्षकों के 800 से अधिक रिक्त पड़े है इन रिक्त पदों को भरने के लिए सुगम क्षेत्रों में की गयी सेवाओं को दुर्गम की सेवाओं में नहीं जोड़ने का निर्णय लिया गया है | इसके लिए शिक्षा निदेशालय ने शासन को प्रस्ताव बनाकर भेजा है | इस प्रस्ताव के पास होने से उम्मीद की जाएगी कि सुगम क्षेत्रों में जमे शिक्षकों को अटल में सुगम सेवा का लाभ सुगम के गुणांकों के आधार पर ही जोड़कर ही माना जायेगा | 

इन स्कूलों में शिक्षकों का चयन स्क्रीनिंग परीक्षा के आधार पर होता है दूसरी बार की स्क्रीनिंग परीक्षा के बाद काउंसिलिंग भी की जा चुकी है जिसकी आवंटित विद्यालयों सहित अंतिम सूची चुनाव प्रक्रिया के कारण रुकी हुई है चुनाव प्रक्रिया पूरी होते ही इसके निकलने की उम्मीद है |  

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