वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए विभागीय आय व्ययक तैयार किये जाने के सम्बन्ध में

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वित्तीय वर्ष 2025-26  के लिए विभागीय आय व्ययक  पेज 01  पेज 02  YOU MAY ALSO LIKE IT- हिममेधा ब्लॉग उत्तराखण्ड में शिक्षकों को दुर्गम की सेवाओं का दोगुना लाभ मिलना शुरू  इस पड़ौसी राज्य में अब सहायक अध्यापक भी बन सकेंगे प्रधानाचार्य  प्रोजेक्ट कार्य सामाजिक विज्ञान- यूरोप में समाजवाद और रुसी क्रांति  सीबीएसई परीक्षा में स्कूल ने गलती से छात्रा को दे दिए जीरो मार्क्स, अब कोर्ट ने लगाया 30 हजार रूपये का जुर्माना  उत्तराखण्ड बोर्ड ने घोषित की प्रैक्टिकल और बोर्ड परीक्षा की डेट

अटल उत्कृष्ट रा० इ० का० घोडाखुरी में पहली बार हुई सीबीएसई बोर्ड के अंतर्गत परीक्षाएं

सीबीएसई व उत्तराखंड बोर्ड की परीक्षा कार्यप्रणाली अलग है एक दूसरे से 

घोडाखुरी में पहली बार हुई सीबीएसई बोर्ड के अंतर्गत परीक्षाएं

शुरुवात अगर अच्छी हो तो समापन भी अच्छा होता है , अटल उत्कृष्ट रा० इ० का० घोडाखुरी में पहली बार सीबीएसई बोर्ड के अंतर्गत हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाएं विगत दिनों सम्पन हुई | इस बार की बोर्ड परीक्षाएं सफलतापूर्वक संपन्न कराने का हम सब पर दबाव था क्योंकि इस बार विद्यालय में परीक्षा टीम भी सीबीएसई की बोर्ड परीक्षा प्रणाली से अनभिज्ञ थी परीक्षा प्रभारी होने के नाते मुझ पर भी काफी दबाव था जो शुरुवात के दिनों तक मैं महसूस करता रहा लेकिन हमारे प्रधानाचार्य श्री प्रशांत बिष्ट जी का समर्थन और विश्वास हमारी टीम को हौसला देता रहा वो इस दौरान अपनी ऊर्जावान छवि से सबको प्रेरणा देते रहे, हमारी ड्यूटी परीक्षा वाले दिन सुबह 8 बजे से शुरू हो जाती थी बैंक से प्रश्नपत्र लाने से लेकर प्रश्नपत्र समाप्ति तक यानी लगभग 2.30 बजे तक हमारी पूरी टीम जिसमे प्रधानाचार्य जी के अतिरिक्त केंद्र व्यवस्थापक श्री सचिन चमोली जी , श्री शांति सिंह हनुमंती जी , श्रीमती सचिन चौहान और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अपनी ड्यूटी पर मुस्तैद रहते थे | 

केंद्र व्यवस्थापक के रूप में श्री सचिन चमोली जी के साथ काम करना अत्यंत सुखद और बहुत कुछ सीखाने वाला रहा श्री चमोली जी अपने कार्य में अत्यंत पारंगत और ईमानदार छवि वाले व्यक्ति है उनके साथ काम करके एक दिन भी ऐसा नहीं लगा कि सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाएं करवाने में कही कोई परेशानी आने वाली है | पिछले सात वर्ष तक उत्तराखंड बोर्ड के साथ काम करने के बाद इस बार सीबीएसई बोर्ड के साथ काम किया तो महसूस हुआ कि सीबीएसई की कार्यप्रणाली कहीं अधिक सुगम और त्वरित है , इसमें कागजी कार्यवाही भी बहुत कम है जैसे उत्तराखण्ड बोर्ड की प्रयोगात्मक परीक्षा में EV 234 भरने , अन्य फार्मलिटी पूरित करने में समय लगना, दो दो बार उत्तरपुस्तिकाएं लेने जाने के लिए मुख्यालय जाना , फिर प्रश्नपत्रों की सुरक्षा करना , परीक्षा की उत्तरपुस्तिकाओं को  प्रतिदिन वाहक द्वारा मूल्यांकन केन्द्र पर जमा करने जाना , परीक्षा समाप्ति पर सभी कक्ष निरीक्षकों और कस्टोडियन के ड्यूटी बिलों को मैन्युअल रूप से भरना , उत्तरपुस्तिका ले जाने वाले वाहकों के यात्रा बिलों को भरकर भेजना और सबसे बड़ी बात कार्य अधिक होने के बाद भी इन सबका पारिश्रमिक बेहद कम है और ये पारिश्रमिक भी बैंक खाते में आने में 8 महीने से अधिक का समय लग जाता है | इसके उलट सीबीएसई में अधिकांश कार्य ऑनलाइन ही निपट जाता है , सीबीएसई द्वारा उत्तरपुस्तिकाएं डाक से स्कूल भेजी जाती है और परीक्षा के उपरांत उसी दिन उत्तरपुस्तिकाएं भी स्कूल से डाक द्वारा आरओ कार्यालय को भेजी जाती है , प्रश्नपत्र की कस्टूडी की जिम्मेदारी बैंक पर होती है इसलिए प्रश्नपत्र की सुरक्षा की भी चिंता नहीं रहती है , सीबीएसई में पारिश्रमिक की दर भी उचित रहती है और ये पारिश्रमिक जुलाई और अगस्त तक मिल जाता है कुल मिलाकर उत्तराखंड बोर्ड को सीबीएसई की कार्यप्रणाली से सीखकर अपनी कागजी कार्यवाही को कम करके ऑनलाइन सिस्टम पर अधिक जोर देने की आवश्यकता है धीरे धीरे उत्तराखंड बोर्ड भी अपनी कार्यशैली को सीबीएसई के अनुरूप ऑनलाइन करने का प्रयास कर भी रहा है लेकिन इसमें अधिक तेजी लाने की आवश्यकता है  | 

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