वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए विभागीय आय व्ययक तैयार किये जाने के सम्बन्ध में

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वित्तीय वर्ष 2025-26  के लिए विभागीय आय व्ययक  पेज 01  पेज 02  YOU MAY ALSO LIKE IT- हिममेधा ब्लॉग उत्तराखण्ड में शिक्षकों को दुर्गम की सेवाओं का दोगुना लाभ मिलना शुरू  इस पड़ौसी राज्य में अब सहायक अध्यापक भी बन सकेंगे प्रधानाचार्य  प्रोजेक्ट कार्य सामाजिक विज्ञान- यूरोप में समाजवाद और रुसी क्रांति  सीबीएसई परीक्षा में स्कूल ने गलती से छात्रा को दे दिए जीरो मार्क्स, अब कोर्ट ने लगाया 30 हजार रूपये का जुर्माना  उत्तराखण्ड बोर्ड ने घोषित की प्रैक्टिकल और बोर्ड परीक्षा की डेट

चिंतामुक्त होकर करें चुनाव में ड्यूटी , सभी कर्मचारियों को मिलेगी एयर एम्बुलेंस और कैशलेस इलाज की सुविधा

दुर्घटनामुक्त लोकसभा चुनाव का संकल्प

चिंतामुक्त होकर करें चुनाव में ड्यूटी

उत्तराखण्ड प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों से हम सब अच्छे तरीके से वाकिफ है कई दुर्गम इलाके ऐसे भी है जहां पर सड़कें भी टूटी फूटी है या फिर सड़कें है ही नहीं , इलाज के लिए भी कई किलोमीटर दूर आना पड़ता है , इन विकट भौगिलिक दशाओं से सरकार और चुनाव आयोग दोनों भी वाकिफ है ऐसे में इन दुर्गम क्षेत्रों में लोकसभा चुनाव में जिन कार्मिकों की चुनाव में ड्यूटी लगेगी उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी सरकार और चुनाव आयोग की जिम्मेदारी बनती है |  पिछले विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान उत्तराखंड में 13 मतदानकर्मियों की मृत्यु हुई थी जबकि एक मतदान कार्मिक गंभीर रूप से घायल हो गया था | 

इन सब घटनाओं से सबक लेते हुए मतदान कार्मिकों की दुर्घटनाओं का आंकड़ा शून्य करने के लिए इस बार उत्तराखंड सरकार और चुनाव आयोग ने सभी मतदान कर्मियों को एयर एम्बुलेंस और कैशलेस इलाज की सुविधा देने का निर्णय लिया है | ये सुविधा पुरे राज्य में उपलब्ध रहेगी जो कहीं से भी अप्रिय सूचना मिलने पर तुरंत मतदान कार्मिकों को हॉस्पिटल में ले जाएगी इसके साथ साथ सभी कर्मचारियों को मेडिकल किट भी प्रदान की जाएगी जिससे उन्हें फर्स्ट एड जैसी सुविधा भी तुरंत प्रदान की जा सकें , लेकिन चुनाव आयोग और सरकार को ऐसे क्षेत्रों में चुनाव ड्यूटी में लगे कार्मिकों के बारे में भी विचार करना चाहिए जो ऐसे स्थानों पर जायेँगे जहाँ पर दूरसंचार की सुविधा नहीं उपलब्ध है या बहुत कम उपलब्ध है इसके साथ साथ ही चुनाव ड्यूटी में लगे कार्मिकों की सबसे बड़ी परेशानी चुनाव पश्च्यात चुनाव सामग्री को जमा करने के लिए लगने वाली लम्बी लम्बी लाइन और भीड़ है , चुनाव आयोग को चुनाव सामग्री को जमा करने के लिए अधिक संख्या में काउंटर लगवाने चाहिए जिससे कार्मिक इस समस्या से बच सकें | 

एक दूसरी समस्या ये आती है कि जिन कार्मिकों की ड्यूटी आसपास के स्थानों में लगी होती है उन्हें मतदान समाप्ति के कुछ घंटे बाद ही यानि रात्रि में ही मतदान सामग्री जमा करने के आदेश होते है अब रात्रि में सामान जमा करने के बाद वो मतदान कार्मिक आधी रात को कहा ठहरें क्योंकि रात को होटल भी सारे भर जाते है इसलिए चुनाव आयोग को सभी मतदान पार्टियों को अगले दिन सामग्री जमा करने के लिए बुलाना चाहिए या फिर उन कार्मिकों के लिए रात्रि ठहराव की वैकल्पिक व्यवस्था भी करनी चाहिए | 

मतदान कार्मिकों की परेशानी व लोकसभा चुनाव को और बेहतर बनाने के बारे में अगर आपका कोई परामर्श हो तो कमेंट बॉक्स में लिखें , हम आपकी बात को चुनाव आयोग तक पंहुचाने का हर संभव प्रयास करेंगे | 

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