विद्यालय समय सारिणी,अवकाशों में प्रस्तावित संशोधनों पर अध्यापकों के सुझाव आमंत्रित

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आज परछाई भी छोड़ देगी आपका साथ

 जीरो शैडो डे - 18 अगस्त 

परछाई दिवस 

शून्य परछाई दिवस का अर्थ होता है कि जब दिन में एक समय कुछ देर के लिए आपकी परछाई ही गायब हो जाये ,आज शुक्रवार 18 अगस्त 2023 को दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में ज़ीरो शैडो डे रहेगा ,ये एक भौगोलिक घटना है जो हर वर्ष  होती है ,इस घटना  के पीछे सूर्य की किरणों के सीधे पड़ने के कारण व्यक्ति या वस्तु की छाया कुछ देर के लिए दिखाई नहीं देती है ,क्यूकि उस समय सूर्य अक्षांश रेखा के ठीक ऊपर होता है , यह महत्वपूर्ण घटना हर वर्ष कर्क और मकर रेखा के मध्य पड़ने वाले अक्षांश रेखाओं पर ही घटित  होती है | 

कर्क रेखा पर यानि 23.5  डिग्री अक्षांश रेखा पर 21 और 22 जून  को प्रत्येक वर्ष दोपहर में परछाई शून्य हो जाती है , इसी प्रकार से २1 और 22 दिसंबर को भी दक्षिण गोलार्ध में भी ऐसी ही भौगोलिक स्त्थिति बन जाती है ,तब कुछ देर के बाद जीरो  डिग्री अक्षांश यानि भूमध्य रेखा से  23.5  डिग्री अक्षांश रेखा के बीच दिनांक, समय और दिन बदलने के साथ साथ शून्य परछाई की स्थिति भी बदलती रहती है , इस घटना की पुनरावृति इन अक्षांश भागो में  हर वर्ष देखी जा सकती है इसीलिए इस दिन को पूरे भारत में शून्य परछाई दिवस के रूप में जाना जाता है | 

आज 18 अगस्त को चेन्नई, तिरुवल्लुर,श्रीपेरम्बदूर, आवडी ,अराकोणम ,अर्कोट , हासन ,बेंगलुरु , मंगलौर ,सकलेशपुर जैसे कई शहरों में शून्य परछाई दिवस की स्थिति रहेगी जो समय बढ़ने के साथ साथ बदलती जाएगी , भौगोलिक दृष्टि से देखा जाये तो पृथ्वी अपने अक्ष पर 23.5 डिग्री झुकी हुई है इसके कारण ही शून्य परछाई और ऋतु परिवर्तन जैसी घटनाएं घटित होती है भूगोल की दृष्टि से पृथ्वी की तीन महत्वपूर्ण रेखा है भूमध्यरेखा कर्क रेखा और मकर रेखा| 

इसी महीने आप 27 अगस्त को शनि अपोजिशन की घटना भी देख पाएंगे , शनि अपोजिशन की घटना में शनि ग्रह पृथ्वी के सबसे नजदीक से गुजरेगा और सबसे चमकीला भी नजर आएगा दूसरी घटना में 31 अगस्त को सुपरमून की होगी जिसे ब्लू मून भी कहते है , ये घटना 01 अगस्त को भी हुई थी | 

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