वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए विभागीय आय व्ययक तैयार किये जाने के सम्बन्ध में

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वित्तीय वर्ष 2025-26  के लिए विभागीय आय व्ययक  पेज 01  पेज 02  YOU MAY ALSO LIKE IT- हिममेधा ब्लॉग उत्तराखण्ड में शिक्षकों को दुर्गम की सेवाओं का दोगुना लाभ मिलना शुरू  इस पड़ौसी राज्य में अब सहायक अध्यापक भी बन सकेंगे प्रधानाचार्य  प्रोजेक्ट कार्य सामाजिक विज्ञान- यूरोप में समाजवाद और रुसी क्रांति  सीबीएसई परीक्षा में स्कूल ने गलती से छात्रा को दे दिए जीरो मार्क्स, अब कोर्ट ने लगाया 30 हजार रूपये का जुर्माना  उत्तराखण्ड बोर्ड ने घोषित की प्रैक्टिकल और बोर्ड परीक्षा की डेट

RBI ढूंढ ढूंढ कर बाँट रहा है पैसे

 UNCLAIMED  DEPOSIT - 100 Days 100 Pays 

100 Days 100 Pays 

अगर भारत के किसी बैंक में आपका बचत या चालू बैंक खाता है या पहले था जिसमे आपने लम्बे समय तक लेन देन नहीं किया है तो ये लेख आपके लिए महत्वपूर्ण हो सकता है , रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) ने भारत के बैंक खाताधारकों के लिए 01 जून 2023 से UNCLAIMED DEPOSIT - 100 Days 100 Pays  अभियान शुरू किया है | रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) अब ये चाहता है कि भारत के चयनित 100 जिलों में ऐसे बैंक खातों का पता लगाया जाये जिनमे पिछले 10 वर्षो से कोई लेन देन नहीं किया गया है या इनमे जमा पैसे का कोई भी दावेदार पिछले 10 वर्षो में लेन देन करने बैंक में नहीं आया है जिसके कारण ये बैंक खाते अब UNCLAIMED अकाउंट्स के दायरे में आ गए है , बैंक ये चाहता है कि इन खातों में जमा धनराशि का भी पता लगाया जाये जिससे की इनमे जमा राशि को इनके असली दावेदारों के पास तक  पहुंचाया जा सकें | 

 UNCLAIMED DEPOSIT - 100 Days 100 Pays योजना में देश के चयनित 100 जिलों के सभी बैंकों की जानकारियां इकट्ठी की जाएगी फिर इन पड़े पैसों में से 100 टॉप धनराशि वाले बैंक खातों के खाताधारकों को खोजकर उनसे संपर्क किया जायेगा | 

भारतीय सरकारी बैंकों में unclaimed बैंक खातों के बारे में क्या नियम है-

भारतीय बैंकों में Unclaimed यानी कि नगद जमा, बैंक खातों के बारे में नियम और दिशानिर्देश वित्तीय संगठन विकास बैंक ऑफ इंडिया (RBI) द्वारा निर्धारित किए गए हैं। निम्नलिखित नियम और दिशानिर्देशों के अनुसार अनचाहे खातों की प्रबंधन की जाती है:

  1. अनचाहे खातों के परिभाषा: RBI द्वारा, एक खाता "अनचाहा" या "निष्प्रयोजन" बन सकता है जब तक उसमें कोई लेनदेन नहीं होता है और उसे एक निश्चित समय अवधि के बाद अपनी पुनर्वास्तविता नहीं मिलती है।

  2. अपने खाता की पुनर्वास्तविता के लिए समय सीमा: अनचाहे खातों की पुनर्वास्तविता की अवधि दस वर्ष होती है। यह नियम RBI द्वारा निर्धारित किया गया है।

  3. अवसान से पहले सूचना: बैंकों को अपने ग्राहकों को उनके खातों की पुनर्वास्तविता समय सीमा के पूर्व आवश्यकता होती है। इसके लिए, बैंक अनचाहे खातों के मालिकों को उनकी पत्रिकाओं, संदेशों, ईमेल या अन्य संचार माध्यमों के माध्यम से सूचित करते हैं।

  4. अनचाहे खातों की सूची: बैंकों को नियम बनाकर अनचाहे खातों की सूची देनी होती है। यह सूची बैंक की वेबसाइट पर उपलब्ध होती है और व्यक्ति या उसके नियत प्रतिनिधि खाते की पुनर्वास्तविता के लिए आवेदन कर सकते हैं।

  5. विनियमित अधिकार: RBI द्वारा नियमित अधिकार है और वह अनचाहे खातों की सूची, उनकी पुनर्वास्तविता, और बैंकों की कार्यप्रणाली की जांच के लिए समय-समय पर मौजूदा कार्यविधि को सुनिश्चित करता है।

यदि आपका खाता अनचाहा हो जाता है, तो बैंक आपको आवश्यकता होने पर उसे पुनर्वास्तवित करने के लिए संपर्क करेगा। आपको अपनी पहचान प्रमाणपत्र, खाता विवरण, और अन्य आवश्यक दस्तावेज़ों की प्रतिलिपि सबमिट करने की आवश्यकता हो सकती है।

कृपया ध्यान दें कि बैंकों के नियम और दिशानिर्देश समय-समय पर बदल सकते हैं, इसलिए यदि आपको अपने खातों की पुनर्वास्तविता के बारे में सटीक जानकारी चाहिए, तो आपको अपने बैंक से संपर्क करना चाहिए|

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