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भारत ने‌‌ कसी‌ चीन‌ पर नकेल

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 भू-राजनीति-                 भारत की चाल में फंसा चीन   भारत  सरकार के जाल में चीन ऐसे  बुरा फंसा गया है कि चारो खाने चित्त हो गया है |   संयुक्त राष्ट्र  संघ  में हर बार  भारत की स्थाई सदस्यता दिए जाने का विरोध करने वाला चीन भारत के कूटनीतिक जाल में ऐसे उलझ गया है कि बिना भारत कह सहमति के वो अपनी मिसाइल्स  और लम्बी दूरी के हथियारों को बिना भारत  की अनुमति विश्व में कही भी नहीं बेच सकता है |    आइए जानते है कि  पूरा मामला क्या है | दरअसल विश्व की सबसे  बड़ी 5 वी अर्थव्यवस्था  होने  और दुनिया की चौथी  सबसे बड़ी  सेना  होने के साथ भारत ने मजबूत टेक्नोलॉजी के दम पर भारत का दावा  संयुक्त राष्ट्र  संघ  में बेहद मजबूत है मगर चीन भारत की राह में हमेशा  बाधा बन कर खड़ा हो जाता है और अपने दुमछल्ले पाकिस्तान की अप्रत्यक्ष रूप से सहायता करता रहता है   |  संयुक्त राष्ट्र  संघ  के 5  स्थाई सदस्य है  ज...

हिममेधा

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  रागी से  नूडल्स  बनाये, स्वास्थ्य  के  साथ  पैसे भी कमाए रागी एक सामान्य परिचय                                          रागी,भारत की प्राचीन  फसलों में से एक महत्वपूर्ण  फसल है  जिसके बारे में हममे से अनेक लोग अपरिचित ही है  इसका सबसे बड़ा कारण  है कि  आजकल की भागा दौड़ी वाली जीवनशैली में  हमे सबकुछ त्वरित गति से और एकदम तैयार चाहिए,  इसी आपाधापी  में पैसे कमाने के लालच में  हमने अपनी सेहत को भी दॉँव पर लगा दिया है , मैदे से बनी  खाद्य सामग्री खाते खाते हमने   अपने  पेट की आंतों और अपने पाचनतंत्र के साथ जो ज्यादती की है उसी का परिणाम है कि आज विश्व के लगभग 25   प्रतिशत लोग  पेट या पेट से सम्बन्धित रोगों या  समस्याओं  से त्रस्त है , आयुर्वेद के  अनुसार यदि  किसी  व्यक्ति का पेट या पाचनतंत्र सही है तो अपनी सेहत की  आधी लड़ाई तो आ...

मोटे अनाज की और लौटती दुनिया - मण्डुआ या रागी

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मोटे अनाज की और लौटती दुनिया - मण्डुआ या रागी               मण्डुआ या रागी - एक परिचय - मण्डुआ को मंडुआ या कोदा या रागी के नाम से भी जाना जाता है , सामान्यतः इसका उपयोग अनाज के रूप में किया जाता है क्योकि ये न सिर्फ खाने में मजेदार होता है बल्कि बहुत ही पौष्टिक भी होता है | मंडुआ  को प्रायः गेहूं के आटे में मिलाकर खाया जाता है , भारत देश में मंडुआ से कई प्रकार के व्यंजन भी तैयार किये जाते है जैसे मंडुआ रोटी , रागी से उपमा ,श्रुआ ,बिस्किट ,डोसा,हलुआ ,मोदा ,लड्डु आदि | मंडुआ का पौधा 1 मीटर तक ऊँचा होता है ,इसके फल गोलाकार अथवा चपटे तथा झुर्रीदार और एक ओर से चपटे होते है इसका वानस्पतिक नाम Eleusine coracana में Linn,Gaertn syn-cynosurus coraanus linn है और यह पौधा Poaceae कुल का है , हिंदी में इसे मकरा ,मंडल ,रोतका भी कहा जाता है ,गढ़वाली में इसे मंडुआ या कोदा  और संस्कृत में मधूलिका , नर्तक या भूचरा के नाम से जाना जाता है , अंग्रेजी में इसे Coracan millet भी कहते है |    सामान्य रूप से लोग रागी या मंडुआ को मोटे अनाज के रूप में ही जानते...

ह्यड्रोपोनिक्स - पर्यावरण , स्वास्थ्य व पैसा एक साथ

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ह्यड्रोपोनिक्स - पर्यावरण , स्वास्थ्य  व पैसा एक साथ    पर्यावरण के साथ स्वास्थ्य व पैसा कितना सुन्दर विचार है , आज हम आपको खेती की  एक ऐसी विदेशी टेक्नीक जो धीरे धीरे भारत में भी लोकप्रिय होती जा रही है, के बारे में बताने जा रहे है  रेगिस्तानी भागों जैसे सऊदी अरब व  इज़राईल जैसे देशो से भारत में ह्यड्रोपोनिक्स खेती तेजी से लोकप्रिय हो रही है इसकी सबसे बड़ी विषेशता ये है कि बहुत कम पानी व बिना मिट्टी के होने वाली इस खेती को आप अपने घर की छत पर भी कर सकते है मिट्टी का प्रयोग नहीं होने  कारण इसमें वजन भी होता है इसे अपनी बालकनी में भी किया जा सकता है  . शुरुवात कैसे करे-   खेती के लिए एक pvc पाइप व वाटर टैंक का सेटअप तैयार करना होता है जिसमे वाटर मोटर की मदद  से पानी में घुलनशील पोषक तत्व जैसे पोटाश ,कैल्शियम ,मैग्नीशियम ,सल्फर ,जिंक ,कॉपर व मैगनीस को  रसायन की तरह पानी में घोलकर पाइप के द्वारा पौधे में पहुचांए जाते है छोटे तत्व व बड़े तत्व को पौधे में कम से कम तीन दिनों के अंतर पर देना चाहिए जिससे  पौधे अप...

पावर योग

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पावर योग                       आज के इस कोरोना महामारी के समय में  हम सबको जरुरत है कि हम अपने फेफड़े मजबूत बनाये शरीर को मजबूत बनाये इसके लिए सबसे अच्छा विकल्प है पावर योग |  आज हम आपको कुछ ऐसी तस्वीरें दिखा रहे है कि कैसे आप प्रकृति की गोद में बैठकर योग से अपने को स्वस्थ बना सकते हैं ,                       योग करने वाले ये व्यक्ति  राजकीय इंटर कॉलेज घोड़ाखुरी जौनपुर टेहरी गढवाल में फिजिक्स के प्रवक्ता है  |

पानी से सेहत - एक प्राकृतिक निःशुल्क उपहार

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पानी के  साथ  सेहत  - एक प्राकृतिक निःशुल्क उपहार        स्वास्थ्य और पानी  -                             हमारे पूर्वज कहते थे कि स्वस्थ रहना है तो प्रकृति के साथ रहे ,ये ही बात वैदिक ग्रन्थों में भी कही गयी है , इसी बात को लेकर आज हम बात करते है पानी के पीने तरीके के बारे में, हममे से अधिकांश लोग पानी को एक ही सांस गटगट करके पी जाते है ग्रंथो के अनुसार ऐसा करके आप अनचाहे  ही आप पेट व् घुटनों की समस्या को निमंत्रण दे रहे है आदि सहिंताओं व् पूर्वजो के अनुसार पानी को एकबार एक घूंट मुँह में भर ले फिर उसे धीरे धीरे तीन बार छोटी छोटी  घूंट में बांटकर गले से  नीचे उतारे, और हमेशा याद रहे कि पानी पीते समय अपने घुटने मोड़कर बैठे कभी भी खड़े होकर पानी न पीयें , ऐसा करने से आप पेट व् घुटनों की समस्यांओ से काफी हद तक छुटकारा पा सकते है . पानी पीने का गलत तरीका  पानी पीने का सही तरीका     आर ओ  का पानी कितना सही-    ...

आ रहा है हिमयुग

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पृथ्वी पर आ रहा है हिमयुग             हिमयुग  का अर्थ -                              हिमयुग  का  अर्थ है कि धरातल पर बर्फ की मोटी चादर का  बिछ जाना,ऐसी दशा जिसमे लम्बे समय तक के लिए महाद्वीपों पर हिमानी व ग्लेशियर फैल जाये वायुमंडल में तापमान माइनस में पहुँच जाये और सर्दियों की अवधि बहुत लम्बी हो जाये ऐसे में चारों तरफ बर्फ ही बर्फ हो जाएगी  , बर्फ की ये परत कभी कभी तो वर्षो तक जमी रह सकती  है , इस प्रकार की परत पर किसी भी प्रकार की फसलें  नहीं उग पाती है जिसके कारण खाद्यान की बहुत बड़ी समस्या खड़ी हो जाती है और मानव जीवन पर गंभीर संकट आ सकता है , खाद्य श्रृंखला भी प्रभावित होती है , पशु और पक्षियों पर भी जीवन का संकट आ जाता है     |                यूरोप में हिमयुग आगमन-                             ...