विद्यालय समय सारिणी,अवकाशों में प्रस्तावित संशोधनों पर अध्यापकों के सुझाव आमंत्रित

चित्र
अभिभावकों , छात्रों और संस्थाध्यक्षों से भी मांगे गए सुझाव  सुझाव आमंत्रित  YOU MAY ALSO LIKE IT- हिममेधा ब्लॉग उत्तराखण्ड में शिक्षकों को दुर्गम की सेवाओं का दोगुना लाभ मिलना शुरू  इस पड़ौसी राज्य में अब सहायक अध्यापक भी बन सकेंगे प्रधानाचार्य  प्रोजेक्ट कार्य सामाजिक विज्ञान- यूरोप में समाजवाद और रुसी क्रांति  सीबीएसई परीक्षा में स्कूल ने गलती से छात्रा को दे दिए जीरो मार्क्स, अब कोर्ट ने लगाया 30 हजार रूपये का जुर्माना  उत्तराखण्ड बोर्ड ने घोषित की प्रैक्टिकल और बोर्ड परीक्षा की डेट

पानी से सेहत - एक प्राकृतिक निःशुल्क उपहार

पानी के  साथ  सेहत  - एक प्राकृतिक निःशुल्क उपहार 




     स्वास्थ्य और पानी -
                           हमारे पूर्वज कहते थे कि स्वस्थ रहना है तो प्रकृति के साथ रहे ,ये ही बात वैदिक ग्रन्थों में भी कही गयी है , इसी बात को लेकर आज हम बात करते है पानी के पीने तरीके के बारे में, हममे से अधिकांश लोग पानी को एक ही सांस गटगट करके पी जाते है ग्रंथो के अनुसार ऐसा करके आप अनचाहे  ही आप पेट व् घुटनों की समस्या को निमंत्रण दे रहे है आदि सहिंताओं व् पूर्वजो के अनुसार पानी को एकबार एक घूंट मुँह में भर ले फिर उसे धीरे धीरे तीन बार छोटी छोटी  घूंट में बांटकर गले से  नीचे उतारे, और हमेशा याद रहे कि पानी पीते समय अपने घुटने मोड़कर बैठे कभी भी खड़े होकर पानी न पीयें , ऐसा करने से आप पेट व् घुटनों की समस्यांओ से काफी हद तक छुटकारा पा सकते है.

पानी पीने का गलत तरीका 
पानी पीने का सही तरीका    
आर ओ  का पानी कितना सही- 
                                         प्राचीन समय में हमारे पूर्वज बहती हुई नदी का पानी पीकर भी स्वस्थ  जीवन जीते थे , उनका मानना था कि बहता हुआ पानी हमेशा शुद्ध होता है लेकिन आज के समय में इंडस्ट्री के पोलूटेंट्स हमारे भूमिगत जल को भी विशुद्ध केर दिया है , जिसका खामियाजा हमे अपने स्वास्थ्य की कीमत पर चुकाना पड रहा है , हम जिन पानी शुद्ध करने वाले यंत्रो का प्रयोग कर रहे है उनमे से अधिकांश तो ऐसे है की वे पानी के गुणवर्धक तत्व को भी पानी से अलग कर देते है , हमे ऐसे मशीनो के स्थान पर पानी साफ  करने के देसी व् प्राचीन तरीके अपनाने चाहिए तभी हम स्वस्थ रह सकेंगे | 
पानी को उबालकर पीये स्वस्थ रहे -
                                                  पानी की अशुद्धि दूर करने का सबसे अच्छा तरीका जो हमारे पूर्वजो ने हमे सिखाया था   वो था कि पीने के पानी को एक साफ सुथरे बर्तन में पूरी तरह उबाला जाये तब ठंडा करके आप उसे पी सकते है ये सबसे बेहतरीन व सुगम तरीका है पानी को साफ करने का , ऐसा करने से पानी की सभी अशुद्धियाँ नीचे बैठ जाती है और पानी शुद्ध हो जाता है , इसे सबसे उपयोगी तरीका माना गया है इससे पानी की सभी प्रकार की अशुद्धियाँ दूर हो जाती है | 
तांबे या मिटटी  के बर्तन का पानी-
                                                सभी बाते समान रहने पर तांबे के बर्तन के पानी को पीना अमृत माना गया है लेकिन गर्भवती माता व बहनों को तांबे के  बर्तन में पानी पीने के स्थान पर मिटटी के बर्तन में पानी पीना अधिक हितकर माना गया है ,

रात में तांबे के बर्तन में पानी रखकर सुबह उस पानी  से पुरानी से पुरानी  कब्ज की समस्या से भी निजात मिल सकती है , तांबे व् मिटटी के बर्तन में रखा पानी आप किसी  मौसम में पी  सकते है ये पानी आपको पेट की समस्या से भी दूर रखता है जिससे आप का मेटाबोलिज्म अच्छा बनता है और आप बेहतर महसूस करते है | प्राचीन वेदों में कहा भी गया है कि यदि आपका पेट सही है आपने स्वस्थ रहने की आधी लड़ाई तो वैसे ही जीत ली है और साफ पानी आपका पेट सही रखने का सबसे बड़ा कारक होता है | 

                                 इसलिए साफ सुथरा पानी पीये निरोगी जीवन जियें | ☺☺
                                                        

टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

please do not enter any spam link in the comment box.

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

लोकसभा निर्वाचन में मतदान पार्टियों के मतदेय स्थल पर ठहराव हेतु बिस्तर व्यवस्था नया आदेश

2024 -25 मासिक परीक्षा शैक्षिक पंचाग के सम्बन्ध में

उत्तराखंड बोर्ड परीक्षा कक्षा 10 ,12 का रिजल्ट होगा कल जारी, ऐसे चेक करें