मोटे अनाज की और लौटती दुनिया - मण्डुआ या रागी
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मोटे अनाज की और लौटती दुनिया - मण्डुआ या रागी
मण्डुआ या रागी - एक परिचय -
सामान्य रूप से लोग रागी या मंडुआ को मोटे अनाज के रूप में ही जानते है और उपयोग करते है पुरे भारत में इसकी खेती लगभग 2300 मीटर की उँचाई पर की जाती है विशेषतः पर्वतीय भागों में इसकी खेती अधिक की जाती है वर्तमान में आधुनिकता,समय की कमी और आराम पसंद जीवन के कारण मनुष्य प्राचीन जीवन शैली के इन सेहतमंद नुस्खे को लगभग भूल ही चुका है , प्राचीन काल में लोग ऐसे ही भोजन के कारण स्वस्थ जीवनयापन करते थे आज हम मंडुआ जैसे मुख्य अनाज को अपने आहार से दूर कर चुके है जिसके दुष्प्रभाव से मानव आज पेट की अनेक समस्याओं से जुझ रहा है , सामान्यतः स्वास्थ्य खराब होने के पीछे 50 प्रतिशत कारण पेट के विकार ही होते है यदि आप अपने पेट का सही प्रकार से ध्यान रख पाते है तो यकीन मानिये आप अपने अपनी स्वास्थ्य की आधी लड़ाई तो ऐसे ही जीत ली होती है
यदि आपको केवल मंडुआ खाने में परेशानी होती है तो आप इसे गेहू के साथ मिलाकर भी खा सकते है पहले भारत के पर्वतीय भागों में मंडुआ की खेती बहुत काम मात्रा में की जाती थी लेकिन अब पुनः लोगो ने इसके महत्व को जाना है और इसकी गुणवत्तापूर्ण खेती की तरफ प्रयास आरम्भ किये है उत्तराखंड के टेहरी गढ़वाल के चिन्यालीसौड़ ,जौनपुर और जौनसार में किसानो ने आजकल मंडुआ की खेती को लोगो ने अपने खेतों स्थान देना आरम्भ कर दिया है जो उनकी आमदनी का एक बड़ा स्रोत बनता जा रहा है लेकिन अभी भी मंडुआ के लिए अनुसन्धान कार्य चल रहे है हमे आशा है कि जल्दी ही मंडुवे की नई प्रजाति हमे देखने को मिलेगी जिससे पैदावर में वृद्धि संभव हो सकेगी मंडुआ एक भारतीय भोजन है, जिसके आटे का रंग हल्का भूरा या हल्का काला होता है, इस अंतर का कारण बीजों के प्रकार में अंतर होता है इस अंतर का एक और कारण जलवायु भी होती है क्यूकि पर्वतीय और मैदानी मौसम व जलवायु में बड़ा अंतर देखने को मिलता है |
मंडुआ के औषधीय गुण
1 - उल्टी रोकने में सहायक -
कई लोगो को उल्टी की समस्या होती है ऐसे में मंडुआ के चूर्ण को घी या शहद के साथ सेवन करने से आराम हो सकता है , इस लेप को नहाने से पहले सिर पर लगाए आधा घंटे में पानी से सिर को धो ले रूसी की समस्या से छुटकारा मिला जाता है |
2 -सर्दी जुकाम में लाभकारी-
सर्दी जुकाम में रागी का उपयोग बहुत तेजी से आराम करता है ,इसके लिए आपको गुग्गलु ,राल ,पतंग,प्रियंगु,मधु ,शर्करा ,मुनक्का,मुलेठी ओर मधुलिका का काढ़ा बनाकर गरररे करने है , ऐसा करने से रक्तज तथा पित्त्तज सर्दी जुकाम में लाभ होता है |
3 -श्वास रोग में मंडुआ -
मंडुआ का नियमित उपयोग आपको श्वास रोग और छाती सम्बन्धी रोगों में स्थाई रूप से आराम करता है ,मंडुआ को मधुलिका घृत के साथ नियमित रूप से ले |
4 - कब्ज में रामबाण औषधि-
कब्ज एक ऐसी बीमारी है जो कई अन्य रोगो को आमंत्रित करती है इसमें कोई व्यक्ति लगातार पेट की समस्याओं से जूझता राहत रहता है ,मंडुआ के बीजों में सेल्यूलोज की मात्रा अधिक होने से इसका निरन्तर प्रयोग कब्ज में रहत दिलाता है |
5 - कुष्ट रोगों में मंडुआ-
कुष्ठ रोगों में मड़ुआ को सफ़ेद चित्रक के साथ मिलाकर सेवन करने से कुष्टरोगी ठीक हो जाते है |
6 - माताओं में दूध की कमी होने से मंडुआ रोटी और साग खाने से आराम मिलता है इससे फोलिक एसिड , आयरन ,कैल्सियम ,प्रोटीन ,फाइबर , मिनरल्स की आपूर्ति आसानी से हो जाती है |
7 -रक्तचाप बढ़ने पर मंडुआ सबसे अच्छी औषधि मानी जाती है उच्च रक्त चाप होने पर मंडुआ की रोटी खाकर उसके कुछ देर बाद निम्बू का रस डालकर पानी का सेवन करें , ये दोनों मिलकर रक्तचाप को ठीक करने में एक कारगर औषधि का काम करती है |
8 -रागी की रोटी खाने से स्वास्थ्य बेहतर और रागी का पानी के साथ मिलाकर पेस्ट लगाने से त्वचा से दाग ,धब्बे भी धीरे धीरे काम होते जाते है |
9 -रागी मंडुआ में 80 प्रतिशत कैल्शियम की मात्रा पाई जाती है इसके लगातार सेवन से हड्डियों में ऑस्टिओपोरोसिस जैसी गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है |
10 -मंडुआ या रागी डयबिटीज पीड़ितों के लिए सर्वोत्तम अनाज माना जाता है ये एक प्रकार से रिच फाइबर और शुगर फ्री अनाज है |
प्राचीन भारत मे लोग गेंहु के स्थान पर मोटा अनाज जैसे मंडुवा,जौ,बाजरा व मक्का का ही प्रयोग करते थे और उनका जीवन सुखमय व स्वास्थयवर्धक था, लेकिन मोटा अनाज खाने मे सख्त व दिखने मे गेंहु की तुलना मे कम लुभावना था इसलिए लोग मोटे अनाज की तुलना मे गेँहु को वरीयता देने लगें ,दूसरा बडा कारण यह भी था कि गेंहु का आटा गुंथने मे आसान व चबाने मे भी आसान था इसलिए भी जीवन शैली मे यह परिवर्तन आया लेकिन इन सबके बीच हम रागी , बाजरा, जौ, मक्का के औषधि गुणों को भूल गये, स्वस्थ जीवन के लिए गेहूं के आटे में रागी या मंडुआ के आटे को मिलाकर खाये ,इस आटे को खाने से शरीर में आसानी से कैल्सियम,प्रोटीन ,ट्रिप्टोफेन,आइरन,मिथियोनिन,फाइबर,लेशिशिन जैसे महत्वपूर्ण तत्वों की आपूर्ति हो जाती है जिससे आप स्वस्थ और अच्छा महसूस कर पाते है |
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