वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए विभागीय आय व्ययक तैयार किये जाने के सम्बन्ध में

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वित्तीय वर्ष 2025-26  के लिए विभागीय आय व्ययक  पेज 01  पेज 02  YOU MAY ALSO LIKE IT- हिममेधा ब्लॉग उत्तराखण्ड में शिक्षकों को दुर्गम की सेवाओं का दोगुना लाभ मिलना शुरू  इस पड़ौसी राज्य में अब सहायक अध्यापक भी बन सकेंगे प्रधानाचार्य  प्रोजेक्ट कार्य सामाजिक विज्ञान- यूरोप में समाजवाद और रुसी क्रांति  सीबीएसई परीक्षा में स्कूल ने गलती से छात्रा को दे दिए जीरो मार्क्स, अब कोर्ट ने लगाया 30 हजार रूपये का जुर्माना  उत्तराखण्ड बोर्ड ने घोषित की प्रैक्टिकल और बोर्ड परीक्षा की डेट

भर्ती माफिया -18-18 लाख रूपये में बिकें थे इस प्रदेश में टीजीटी, पीजीटी के नियुक्ति पत्र

भर्ती माफिया ने किया करोड़ों रूपये का फर्जीवाड़ा 

भर्ती माफिया -18-18 लाख रूपये में बिकें नियुक्ति पत्र 

2021 की शिक्षक भर्ती में जब मेरिट लिस्ट निकली थी तो इसमें कई अभ्यर्थी अनुतीर्ण भी हुए थे इसके बाद प्रतीक्षा सूची भी निकलनी थी इसी समय का लाभ लेते हुए उत्तर प्रदेश के भर्ती माफिया ने बड़ा खेल कर दिया इन्होने टीजीटी और पीजीटी अध्यापक भर्ती परीक्षा में फेल होने वाले कुल 9 ऐसे लोगो को अपना निशाना बनाया जो पैसे देने में सक्षम थे और जिन्हे नौकरी की सख्त जरुरत थी , मुख्य सूची के बाद जब पहली प्रतीक्षा सूची जारी की गयी तो इससे पहले इन्होने अभ्यर्थियों से 8-8 लाख रूपये एडवांस ले लिए और नियुक्ति पत्र देते समय बाकि के 10 लाख रूपये लेने की बात पर सहमति बना ली थी , पहली प्रतीक्षा सूची के चयन के समय इन्होने फर्जी रूप से इन लोगों को नियुक्ति पत्र भी जारी कर दिए और इनमे से दो लोगो ने दिसंबर में ज्वाइन भी कर लिया था ये दोनों महिलाये थी , समस्या तब शुरू हुई जब अप्रैल माह में सेवा चयन बोर्ड ने चयनित लोगों के प्रमाण पत्रों का भौतिक सत्यापन शुरू किया और इस फर्जीवाड़े की बात सामने आई | 

इन लोगों ने भर्ती माफिया को 8-8 लाख रूपये पहले ही दे दिए थे और बाकि के दस लाख भी नियुक्ति पत्र लेते समय दे दिए थे इसलिए जब बात सामने आई तो इस सारे फर्जीवाड़े की पोल खुल गयी इसके बाद तो जैसे विभाग में हड़कंप मच गया और जाँच करने के लिए उच्च समिति गठित की गयी , पुलिस में प्राथमिकी भी दर्ज करवा दी गयी है लेकिन पकडे गए फर्जी नियुक्ति वाले अध्यापक अब खुद को ठगा हुआ सा महसूस कर रहे है क्योंकि उनके 18 लाख रूपये भी गए और ऊपर से उन पर मुकदमा भी दर्ज हो गया | 

रिश्वत देना और लेना दोनों ही संगीन अपराध है किसी भी अनैतिक कार्य और फर्जीवाड़े से बचना चाहिए यदि आपको कोई ऐसे प्रस्ताव भी दे तो सीधे पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराये और एक अच्छे नागरिक होने का कर्तव्य पूरा करें | 


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