उत्तराखंड में प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती का मामला फिर पहुंचा सुप्रीम कोर्ट

हाईकोर्ट के फैसले को दी गयी चुनौती 

उत्तराखंड में प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती 

उत्तराखण्ड राज्य में पिछले कुछ समय से चलता आ रहा प्राथमिक शिक्षकों के 2600 पदों के भर्ती का मामला फिर से लटकता हुआ प्रतीत हो रहा है , अब कुछ बीएड अभ्यर्थियों ने हाई कोर्ट नैनीताल के फैसले को माननीय सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है | सनद रहे कि उधमसिंह नगर के बिनमाया मल की एक याचिका पर नैनीताल हाई कोर्ट ने 14 दिसंबर 2023 को दिए अपने एक आदेश में सुप्रीम कोर्ट के 11 अगस्त 2023 के फैसले के आदेश के आधार पर बीएड डिग्री धारकों को प्राथमिक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया से बाहर कर दिया था | हाई कोर्ट नैनीताल के इस निर्णय के आधार पर बी एड डिग्री धारकों की नौकरी पर अब तक संकट बना हुआ है क्योंकि उत्तराखंड शिक्षा विभाग शिक्षक भर्ती सेवा नियमावली में भी परिवर्तन करने की तैयारी में जुट गया है और शिक्षा निदेशालय ने उत्तराखंड शासन से इस संदर्भ में निर्देश भी मांगे है | 

जब तक उत्तराखंड शासन से निर्देश मिलते और शिक्षा विभाग शिक्षक भर्ती नियमावली में कोई परिवर्तन करता तब तक बी एड डिग्री धारक अभ्यर्थियों की तरफ से रूड़की के जयवीर सिंह ,प्रियंका और उमेश कुमारी ने अपनी एक याचिका में सुप्रीम कोर्ट में नैनीताल के इस आदेश को फिर से एक नई चुनौती दी है | इस याचिका में लिखा गया है कि जब तक वर्तमान समय में चल रही प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए कोई सम्पूर्ण निर्णय नहीं हो जाता है तब तक उत्तराखंड सरकार शिक्षक सेवा नियमावली में कोई परिवर्तन या संशोधन नहीं कर सकती है उत्तराखंड सरकार को वर्तमान प्राथमिक शिक्षक भर्ती में बी एड डिग्री धारकों को भी शामिल करना चाहिए | 

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