वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए विभागीय आय व्ययक तैयार किये जाने के सम्बन्ध में

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वित्तीय वर्ष 2025-26  के लिए विभागीय आय व्ययक  पेज 01  पेज 02  YOU MAY ALSO LIKE IT- हिममेधा ब्लॉग उत्तराखण्ड में शिक्षकों को दुर्गम की सेवाओं का दोगुना लाभ मिलना शुरू  इस पड़ौसी राज्य में अब सहायक अध्यापक भी बन सकेंगे प्रधानाचार्य  प्रोजेक्ट कार्य सामाजिक विज्ञान- यूरोप में समाजवाद और रुसी क्रांति  सीबीएसई परीक्षा में स्कूल ने गलती से छात्रा को दे दिए जीरो मार्क्स, अब कोर्ट ने लगाया 30 हजार रूपये का जुर्माना  उत्तराखण्ड बोर्ड ने घोषित की प्रैक्टिकल और बोर्ड परीक्षा की डेट

जिलाधिकारी ने कहा स्कूल बंद करें ,अपर मुख्य सचिव शिक्षा का आदेश स्कूल खोलें- जानिए क्या है नियम

बिहार के शिक्षा विभाग में बवाल 

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क्या होगा जब जिला अधिकारी के आदेश और अपर मुख्य सचिव के आदेश में एक दूसरे के प्रति विरोधाभास हो जाये , ऐसे में किसके आदेश को सर्वोपरी माना जाना चाहिए  | बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के आदेश के अनुपालन में पटना के जिला शिक्षा अधिकारी ने शीतलहर के दौरान भी प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों को खोलने का आदेश जारी किया , दूसरी तरफ जिला अधिकारी पटना ने अपने पूर्व के आदेश जिसमे कहा गया था कि प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय शीतलहर के चलते बंद रहेंगे लेकिन अपर मुख्य सचिव शिक्षा विभाग के आदेश पर मंगलवार को जब स्कूल खोले गए तो जिलाधिकारी पटना ने इसे अपने आदेश से जारी धारा 144 का उल्लंघन करार दिया जिसके लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत दण्डात्मक कार्यवाही करने का प्रावधान है इसमें अंतर्गत 6 महीने की जेल और 1000 रूपये जुर्माना या फिर दोनों दिए जा सकते है | 

आज सुबह जब एक मीडिया टीम निरीक्षण करने एक स्कूल पंहुची तो देखा कि स्कूल के अध्यापकों ने जिला शिक्षा अधिकारी के आदेश में स्कूल तो खोले दिए है लेकिन छात्रों की संख्या शून्य है यानि अध्यापकों ने अपने जिला शिक्षा अधिकारी के आदेश का अनुपालन किया तो छात्रों ने जिला अधिकारी के आदेश का | अभिभावकों ने बताया की वास्तव में ठण्ड बहुत है और जिलाधिकारी ने मौसम को देखते हुए कक्षा 8 तक के स्कूल बंद करने का सही आदेश जारी किया है क्योंकि जान है जहान है | 

माध्यमिक शिक्षा विभाग को लिखे पत्र में जिलाधिकारी ने कहा कि पटना में शीतलहर और तापमान कम होने के कारण छात्रों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है इसलिए IPC 1973 की धारा 144 के अंतर्गत कक्षा 8 तक के सभी स्कूल , आंगनवाड़ी और कोचिंग इंस्टिट्यूट बंद रखने का आदेश जारी किया गया है नियमतः ऐसे मामलों में जिनमे जिला दंडाधिकारी के विवेक से धारा 144 के अधीन कार्यवाही करने के पर्याप्त आधार हो , उनमे शीघ्र उपचार या शमन की कार्यवाही करने का अधिकार जिला दण्डाधिकारी को दिया गया है | इसका उल्लंघन करने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत दण्डात्मक कार्यवाही करने का प्रावधान है इसमें अंतर्गत 6 महीने की जेल और 1000 रूपये जुर्माना या फिर दोनों दिए जा सकते है ,फ़िलहाल अग्रेत्तर कार्यवाही की प्रतीक्षा है | 

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