अटल स्कूलों पर हुए अभिभावकों के सर्वे में खुले कई राज
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उत्तराखंड में 186 अटल स्कूलों के अभिभावकों की रिपोर्ट पहुंची शिक्षा निदेशालय
अटल स्कूलों पर हुए अभिभावकों के सर्वे |
उत्तराखंड प्रदेश में शिक्षा की व्यवस्था को दुरस्त करने के लिए उत्तराखण्ड सरकार की सबसे महत्वपूर्ण योजना अटल उत्कृष्ट स्कूलों को उत्तराखण्ड बोर्ड से हटाकर अंग्रेजी माध्यम में सीबीएसई बोर्ड से जोड़ने की अब खटाई में पड़ती दिखाई दे रही है इसके पीछे कई वजह भी दिख रही है जिनमे सबसे मुख्य वजह दुर्गम और अतिदुर्गम श्रेणी के विद्यालयों में मूलभूत सुविधाओं की कमी,कार्यालय कार्मिक और टीचिंग स्टाफ की कमी है वहाँ नेटवर्क की बड़ी समस्या के साथ साथ कक्षा 1 से 5 तक प्राइमरी स्कूलों से आने वाले छात्र का कमजोर शैक्षिणिक स्तर और सीबीएसई के कठोर मापदण्ड भी बड़ी बाधा है जबकि शहरों के विद्यालयों के लिए अटल उत्कृष्ट योजना बिल्कुल मुफीद प्रतीत होती है | इसी समस्या के निराकरण के लिए शासन ने अटल उत्कृष्ट स्कूलों के अभिभावकों से उनके सुझाव मांगे थे जिनकी पूरी रिपोर्ट अब सभी मुख्य शिक्षा अधिकारीयों के कार्यालयों द्वारा माध्यमिक शिक्षा निदेशालय को भेज दी गयी है |
सर्वे में खुले कई राज |
2020 -21 में उत्तराखंड सरकार ने 189 स्कूलों को अटल उत्कृष्ट स्कूलों में बदलते हुए सीबीएसई बोर्ड से जोड़ा था इनका पहला परीक्षा परिणाम इण्टर और हाईस्कूल में क्रमश 50 व 60 प्रतिशत रहा इसी आधार पर अभिभावकों ने वापस उत्तराखंड बोर्ड से जुड़ने की मांग की है | अब इस रिपोर्ट में 189 में से 186 अटल स्कूलों में सर्वे हुए क्योंकि तीन स्कूलों को अटल विद्यालय के रूप में सीबीएसई बोर्ड की मान्यता नहीं मिल पायी है | 186 स्कूलों में से 100 स्कूलों ने सीबीएसई बोर्ड से वापस उत्तराखण्ड बोर्ड में जुड़ने की पैरवी की है जबकि 84 स्कूलों ने सीबीएसई बोर्ड के साथ ही जुड़े रहने की स्वीकृति दी है अन्य दो स्कूलों ने अपनी राय स्पष्ट नहीं की है |
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