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मोटे अनाज की और लौटती दुनिया - मण्डुआ या रागी

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मोटे अनाज की और लौटती दुनिया - मण्डुआ या रागी               मण्डुआ या रागी - एक परिचय - मण्डुआ को मंडुआ या कोदा या रागी के नाम से भी जाना जाता है , सामान्यतः इसका उपयोग अनाज के रूप में किया जाता है क्योकि ये न सिर्फ खाने में मजेदार होता है बल्कि बहुत ही पौष्टिक भी होता है | मंडुआ  को प्रायः गेहूं के आटे में मिलाकर खाया जाता है , भारत देश में मंडुआ से कई प्रकार के व्यंजन भी तैयार किये जाते है जैसे मंडुआ रोटी , रागी से उपमा ,श्रुआ ,बिस्किट ,डोसा,हलुआ ,मोदा ,लड्डु आदि | मंडुआ का पौधा 1 मीटर तक ऊँचा होता है ,इसके फल गोलाकार अथवा चपटे तथा झुर्रीदार और एक ओर से चपटे होते है इसका वानस्पतिक नाम Eleusine coracana में Linn,Gaertn syn-cynosurus coraanus linn है और यह पौधा Poaceae कुल का है , हिंदी में इसे मकरा ,मंडल ,रोतका भी कहा जाता है ,गढ़वाली में इसे मंडुआ या कोदा  और संस्कृत में मधूलिका , नर्तक या भूचरा के नाम से जाना जाता है , अंग्रेजी में इसे Coracan millet भी कहते है |    सामान्य रूप से लोग रागी या मंडुआ को मोटे अनाज के रूप में ही जानते...

ह्यड्रोपोनिक्स - पर्यावरण , स्वास्थ्य व पैसा एक साथ

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ह्यड्रोपोनिक्स - पर्यावरण , स्वास्थ्य  व पैसा एक साथ    पर्यावरण के साथ स्वास्थ्य व पैसा कितना सुन्दर विचार है , आज हम आपको खेती की  एक ऐसी विदेशी टेक्नीक जो धीरे धीरे भारत में भी लोकप्रिय होती जा रही है, के बारे में बताने जा रहे है  रेगिस्तानी भागों जैसे सऊदी अरब व  इज़राईल जैसे देशो से भारत में ह्यड्रोपोनिक्स खेती तेजी से लोकप्रिय हो रही है इसकी सबसे बड़ी विषेशता ये है कि बहुत कम पानी व बिना मिट्टी के होने वाली इस खेती को आप अपने घर की छत पर भी कर सकते है मिट्टी का प्रयोग नहीं होने  कारण इसमें वजन भी होता है इसे अपनी बालकनी में भी किया जा सकता है  . शुरुवात कैसे करे-   खेती के लिए एक pvc पाइप व वाटर टैंक का सेटअप तैयार करना होता है जिसमे वाटर मोटर की मदद  से पानी में घुलनशील पोषक तत्व जैसे पोटाश ,कैल्शियम ,मैग्नीशियम ,सल्फर ,जिंक ,कॉपर व मैगनीस को  रसायन की तरह पानी में घोलकर पाइप के द्वारा पौधे में पहुचांए जाते है छोटे तत्व व बड़े तत्व को पौधे में कम से कम तीन दिनों के अंतर पर देना चाहिए जिससे  पौधे अप...

पावर योग

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पावर योग                       आज के इस कोरोना महामारी के समय में  हम सबको जरुरत है कि हम अपने फेफड़े मजबूत बनाये शरीर को मजबूत बनाये इसके लिए सबसे अच्छा विकल्प है पावर योग |  आज हम आपको कुछ ऐसी तस्वीरें दिखा रहे है कि कैसे आप प्रकृति की गोद में बैठकर योग से अपने को स्वस्थ बना सकते हैं ,                       योग करने वाले ये व्यक्ति  राजकीय इंटर कॉलेज घोड़ाखुरी जौनपुर टेहरी गढवाल में फिजिक्स के प्रवक्ता है  |

पानी से सेहत - एक प्राकृतिक निःशुल्क उपहार

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पानी के  साथ  सेहत  - एक प्राकृतिक निःशुल्क उपहार        स्वास्थ्य और पानी  -                             हमारे पूर्वज कहते थे कि स्वस्थ रहना है तो प्रकृति के साथ रहे ,ये ही बात वैदिक ग्रन्थों में भी कही गयी है , इसी बात को लेकर आज हम बात करते है पानी के पीने तरीके के बारे में, हममे से अधिकांश लोग पानी को एक ही सांस गटगट करके पी जाते है ग्रंथो के अनुसार ऐसा करके आप अनचाहे  ही आप पेट व् घुटनों की समस्या को निमंत्रण दे रहे है आदि सहिंताओं व् पूर्वजो के अनुसार पानी को एकबार एक घूंट मुँह में भर ले फिर उसे धीरे धीरे तीन बार छोटी छोटी  घूंट में बांटकर गले से  नीचे उतारे, और हमेशा याद रहे कि पानी पीते समय अपने घुटने मोड़कर बैठे कभी भी खड़े होकर पानी न पीयें , ऐसा करने से आप पेट व् घुटनों की समस्यांओ से काफी हद तक छुटकारा पा सकते है . पानी पीने का गलत तरीका  पानी पीने का सही तरीका     आर ओ  का पानी कितना सही-    ...

आ रहा है हिमयुग

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पृथ्वी पर आ रहा है हिमयुग             हिमयुग  का अर्थ -                              हिमयुग  का  अर्थ है कि धरातल पर बर्फ की मोटी चादर का  बिछ जाना,ऐसी दशा जिसमे लम्बे समय तक के लिए महाद्वीपों पर हिमानी व ग्लेशियर फैल जाये वायुमंडल में तापमान माइनस में पहुँच जाये और सर्दियों की अवधि बहुत लम्बी हो जाये ऐसे में चारों तरफ बर्फ ही बर्फ हो जाएगी  , बर्फ की ये परत कभी कभी तो वर्षो तक जमी रह सकती  है , इस प्रकार की परत पर किसी भी प्रकार की फसलें  नहीं उग पाती है जिसके कारण खाद्यान की बहुत बड़ी समस्या खड़ी हो जाती है और मानव जीवन पर गंभीर संकट आ सकता है , खाद्य श्रृंखला भी प्रभावित होती है , पशु और पक्षियों पर भी जीवन का संकट आ जाता है     |                यूरोप में हिमयुग आगमन-                             ...

समन्वय, समायोजन - प्रकृति व् मानव

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 समन्वय ,समायोजन -प्रकृति  व् मानव                                                                  आज हम  आपकी नजर   अमेरिका मे घटी एक घटना की ओर ले जाना चाहते है  कि  कैसे प्रकृति की नाराजगी से उपजा कोरोना के कारण  संसार के सबसे बड़े विकसित देश में आर्थिक  कारणों से हो रहे प्रदर्शन से जॉर्ज नाम के एक प्रदर्शनकारी को पुलिस ने नियंत्रण करने के उद्देशय से पकड़ा लेकिन दुर्भाग्यवश उसकी मौत हो गयी ,जिसके बाद प्रदर्शनकारी उग्र हो उठे ,       मुद्दे की बात -                              असली बात अब शुरू होती है , पुलिस ने समन्वय व् सदभावना दिखाते हुए जिस प्रकार से माफी मांगी व् खेद प्रकट किया वो हम सबको एक सबक दे गया कि  हमे प्रकृति  के साथ वैसे समन्वय बैठाना है जैसे पुलि...

एक तीर से दो निशाने

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एक  अनोखा उपाय -           सड़क के गड्ढे -                         सड़क के गड्ढों से यक़ीनन आप भी मेरी तरह  ही परेशान होते होंगे , कई  बार तो ये बहुत  बड़ी दुर्घटना  का कारण भी बन जाते है ,चार पहिया वाले वाहनों की  तुलना में ये गड्डे दो पहिया वाहनों  व् वाहन  चालकों के लिए ज्यादा बड़ी परेशानी  का कारण बनते हैं ,भारत में तो 40 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाओं के पीछे  सड़क पर बने  गड्ढे ही होते है कभी कभी तो ये गड्ढे इतने गहरे हो जाते है कि स्कूटी जैसे  छोटे पहियों वालो वाहनों का टायर यदि इन गड्ढो में गिर जाये तो फिर उसके चालक तो बस को भगवान ही बचा सकता है , बरसात के मौसम में जैसे ये गड्ढे बारूदी सुरंग के जैसे हो जाते है इनमे पानी भरने के कारण आप सड़क पर इनकी गहराई का अनुमान ही नहीं लगा सकते है |  एक अनोखा उपाय -                                   आज हम आपको...

सेहत हजार नियामत

मित्रों नमस्कार मैं अमित कुमार शाण्डिल्य रुड़की उत्तराखंड से  संकट  के इस समय में जीवन मे जिसके पास सेहत  है उसके पास वास्तविक शक्ति है , और सेहत एक दिन में नहीं आती बल्कि ये  आपके द्वारा किये गए धीरे धीरे प्रतिदिन  के प्रयासों  का परिणाम होता है आज हम आपको एक ऐसी आयुर्वेदिक युक्ति  के बारे  में बताने जा रहे है जिसके द्धारा आप अपनी  प्राणशक्ति व् फेफड़ों को ताकत देने के साथ साथ अपने अंदर एक नवीन ऊर्जा महसूस करेंगे , ७ से ८ ग्राम सितोपलादि चूर्ण के साथ एक छोटी चमच्च शहद के साथ प्रतिदिन दो बार सुबह व् शाम ले ,मात्र एक सप्ताह में आप अपने अंदर ऊर्जा महसूस करेंगे  धन्यवाद  अगली बार फिर ले एक नई नुस्खे के साथ आपके साथ होंगे , अपना ध्यान रखें