अनिवार्य स्थानांतरण में अब तक ज्वाइन नहीं करने शिक्षको के वेतन रोकने और स्पष्टीकरण के आदेश

सरकारी कर्मचारियों के तबादलों पर आया नया अपडेट 

 तबादले

उत्तराखंड में सुगम स्थानों पर वर्षो से जमे शिक्षक अपना स्थान परिवर्तन दुर्गम स्थानों पर नहीं चाहते है वे इसके लिए तरह तरह के पैंतरें भी अपनाते है जबकि दुर्गम में वर्षो से फंसे शिक्षक अब सुगम की बाँट देख रहे है , उत्तराखंड शिक्षा विभाग इसी उठा पटक में लगातार कोशिश कर रहा है इन्ही कोशिशों का परिणाम था जुलाई में हुए अनिवार्य स्थानांतरण , शिक्षा विभाग ने वर्षो से एक स्थान पर जमे शिक्षकों के स्थानांतरण अन्यत्र विद्यालय में अनिवार्य श्रेणी में कर दिए लेकिन अब परिणाम ये हो रहा है कि कुछ शिक्षक अपने नए नियुक्त स्थानों पर कार्यग्रहण नहीं कर रहे है , इसके लिए उन्होंने अपना प्रत्यावेदन भी उच्च अधिकारीयों को जमा कर दिया है जिसमे नई जगह पर ना जाने के लिए कई कारण बताए गए है जैसे विद्यालयों की गॉव से अधिक दूरी ,पब्लिक ट्रांसपोर्ट का अभाव ,मातापिता , पति और पत्नी और ससुर की बीमारी का कारण बताते हुए अधिकांश अध्यापकों ने अपने प्रत्यावेदन विभाग को दिए है | 

शिक्षा विभाग ने सभी प्रत्यावेदनों पर गंभीरता से विचार करते हुए अंत में केवल एक शिक्षक के ट्रांसफर को परिवर्तित किया है शेष सभी को सितम्बर माह में अपने नए स्थानों पर जाकर कार्यग्रहण करने और स्कूल में योगदान देने के आदेश दिए गए है लेकिन इसके बाद भी अक्टूबर माह के बाद नवंबर में भी अभी तक अनेक शिक्षकों ने कार्यभार ग्रहण नहीं किया है | 

अब इसके लिए मुख्य शिक्षा अधिकारी के के गुप्ता ने कड़ी नाराजगी जताते हुए इन सभी का वेतन रोकने और इन सभी से स्पष्टीकरण लेने के भी आदेश दिए है जिसके बाद इन अध्यापकों में अब हड़कंप मचा हुआ है | 


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