उत्तराखंड में सीबीएसई के स्कूलों की तरफ बढ़ रहा है छात्रों का रुझान
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सीबीएसई देता है बेहतर प्रतियोगिता का वातावरण
सीबीएसई |
उत्तराखंड में दो वर्ष पूर्व से अटल उत्कृष्ट विद्यालयों की स्थापना हुई है तब से लेकर लगातार उत्तराखंड बोर्ड में छात्रों की संख्या में लगातार कमी हुई है इसके पीछे जो सबसे बड़ा कारण है वो ये है कि उत्तराखंड बोर्ड के साथ सम्मिलित विद्यालयों में से ही कुछ विद्यालयों को अटल उत्कृष्ट बना दिया गया है जिसके कारण उत्तराखंड बोर्ड में पढ़ने वाले छात्र अटल उत्कृष्ट में जाने के कारण सीबीएसई बोर्ड में सम्मिलित हो गए है और परिणामस्वरूप उत्तराखंड बोर्ड में अचानक छात्रों की संख्या कम हो गयी है लेकिन दूसरी तरफ ये भी बिंदु गौर करने लायक है कि पर्वतीय क्षेत्रों को यदि अलग कर दिया जाये तो मैदानी भागो में सीबीएसई बोर्ड के छात्रों की संख्या हमेशा उत्तराखंड बोर्ड के छात्रों से अधिक रही है जिसके पीछे एक बड़ा कारण ये है कि सीबीएसई छात्रों को शैक्षणिक अभिवृद्धि के लिए बेहतर प्रतियोगी वातावरण प्रदान करता है अगर आप सीबीएसई का पाठ्यक्रम और परीक्षा का ढांचा देखें तो आप पाएंगे कि उत्तराखंड बोर्ड के मुकाबले सीबीएसई छात्रों को परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए वैकल्पिक विषय के रूप में ग्रुप एस और ग्रुप एल में छठें विषय के रूप में एक असाधारण अवसर देता है जिसमे पास होने पर ये छठा विषय गणित , विज्ञान और सामाजिक विज्ञान में अनुतीर्ण होने की स्थिति में उस विषय को रिप्लेस कर देता है और छात्र आसानी से उत्तीर्ण हो जाता है , साथ ही सीबीएसई स्किल सब्जेक्ट के रूप में ग्रुप एस में आपको अपनी स्किल के अनुसार विषय चयन का अवसर देता है जिसका लाभ बाद में आपको स्वरोजगार के रूप में मिल सकता है , इसके साथ ही अब धीरे धीरे उत्तराखंड भी सीबीएसई की तरह अपनी कार्यप्रणाली को अपडेट और ऑनलाइन कर रहा है जिसका लाभ उसे और राज्य के छात्रों को निकट भविष्य में मिलेगा |
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