बरसात में अगर ये काम किया तो फसेंगे प्रधानाचार्य
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उत्तराखंड में प्रधानाचार्यों के समक्ष बड़ी चुनौती
शिक्षा निदेशक |
30 जून 2023 की रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड में 2780 से भी अधिक सरकारी विद्यालय भवन जर्जर हालत में है जिनमे कक्षा संचालित करना जोखिम भरा हो सकता है इससे पूर्व भी उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में जर्जर भवनों के कारण हादसे होते आये है हालाँकि शासन का मत है कि 2026 तक सभी भवनों की स्थिति को ठीक कर लिया जायेगा ,प्रदेश सरकार और शिक्षा विभाग जर्जर भवनों को सुधारने के लिए योजना बना रहे है |
इधर मौसम विभाग ने भी चेतावनी दे दी है कि इस बार सामान्य से अधिक बारिश होगी , इन सब को देखते हुए पिछले सप्ताह उत्तराखंड के सभी जनपदों के मुख्य शिक्षा अधिकारीयों की एक वर्चुअल मीटिंग हुई जिसमे शिक्षा निदेशक माध्यमिक श्री महावीर सिंह बिष्ट द्वारा सभी मुख्य शिक्षा अधिकारीयों को निर्देश दिए गए है वर्षा काल के दौरान किसी भी जर्जर भवन में कोई भी स्कूल कक्षाएं संचालित नहीं करेगा यदि किसी स्कूल से ऐसी कोई रिपोर्ट या शिकायत प्राप्त होती है तो उस स्कूल के प्रधानाचार्य को इसका जिम्मेदार माना जायेगा और सीधे उस प्रधानाचार्य पर ही कार्यवाही की जाएगी जिसके आदेश पर स्कूल को जर्जर भवन में संचालित किया जा रहा होगा, इसके साथ साथ प्रधानाचार्य को ये भी जिम्मेदारी दी गयी है जर्जर भवन के पास भी कोई छात्र न जाएँ क्योंकि ऐसी स्थिति में वर्षा के कारण कोई भी हादसा हो सकता है |
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