संदेश

इस पड़ौसी राज्य में अब सहायक अध्यापक भी बन सकेंगे प्रधानाचार्य

चित्र
इस प्रदेश ने किया शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम में परिवर्तन  अब सहायक अध्यापक भी बन सकेंगे प्रधानाचार्य  अब तक केवल प्रवक्ता पद धारक ही प्रधानाचार्य पद के लिए पात्र माने जाते थे लेकिन अब उत्तराखंड के इस पडोसी राज्य ने अपनी शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम नियामवली में परिवर्तन कर अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों के सहायक अध्यापकों को भी प्रधानाचार्य पद पर आवेदन के योग्य बना दिया है , उत्तर प्रदेश  शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम नियामवली में परिवर्तन किया गया है इस परिवर्तन से करीबन 800 सहायक अध्यापक प्रधानाचार्य पद के लिए पात्र बन गए है |  उत्तर प्रदेश सरकार ने अभी पिछले दिनों ही उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम 2023 की नियमावली के आधार पर प्रशिक्षित स्नातक वेतनक्रम के सभी अध्यापकों को माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्य पद के लिए आवेदन करने योग्य माना है , इस नियमावली के अनुसार माध्यमिक शिक्षा अधिनियम 1921 के आलोक में ही प्रधानाचार्य पद की योग्यता होगी, इस  माध्यमिक शिक्षा अधिनियम 1921 के अनुसार उत्तर प्रदेश के माध्यमिक स्कूलों के लिए प्रशिक्षित स्नात्तकोत...

उत्तराखण्ड में शिक्षकों को दुर्गम की सेवाओं का दोगुना लाभ मिलना शुरू

चित्र
एजुकेशन पोर्टल पर शिक्षकों की सेवा जोड़ने का कार्य आरंभ  शिक्षकों को दुर्गम की सेवाओं का दोगुना लाभ मिलना शुरू  उत्तराखण्ड शिक्षा विभाग ने सात हजार फ़ीट से अधिक ऊंचाई पर अपनी सेवाएं देने वाले शिक्षकों को उनकी दुर्गम की सेवा अवधि का दोगुना लाभ देना शुरू कर दिया है, यानि एक वर्ष की दुर्गम सेवा अवधि को दो वर्ष की दुर्गम सेवा अवधि मान जायेगा जिसकी गणना एजुकेशन पोर्टल पर ऑनलाइन करनी शुरू कर दी गयी है और शिक्षकों के रिकॉर्ड को अपडेट किया जा रहा है संशोधित किया जा रहा है |  सात हजार फ़ीट कम ऊंचाई पर दुर्गम में स्थित स्कूलों में अपनी सेवाएं देने वाले शिक्षकों को एक साल दुर्गम की सेवा अवधि को सवा साल के बराबर दुर्गम सेवा अवधि माना जायेगा और इसी आधार पर उनकी सेवा को एजुकेशन पोर्टल पर अपडेट किया जा रहा है लेकिन शिक्षकों का बड़ा वर्ग इस से नाराज है और माननीय कोर्ट में इसे चुनौती देने पर विचार कर रहा है क्योंकि विभाग ने सेवा की गणना एक्ट लागू होने के वर्ष 2017 से दुर्गम की सेवा को जोड़ना शुरू किया है जो उन शिक्षकों के साथ सरासर बेमानी है जिन्होंने 2017 से पहले भी दुर्गम में अपनी सेवाएं दी ...

शीतकालीन अवकाश में भी चलेगी वर्चुअल कक्षाएं , खुलेगें स्कूल

चित्र
राज्य परियोजना निदेशक ने जारी किये आदेश   शीतकालीन अवकाश में भी चलेगी वर्चुअल कक्षाएं  उत्तराखण्ड राज्य के राज्य परियोजना अधिकारी श्री मुकुल सती ने आज एक आदेश पारित किया है जिसके अंतर्गत राज्य में वर्चुअल लैब स्थापित स्कूल में शीतकालीन अवकाश में भी परिषदीय परीक्षा वाले छात्र पढ़ने के लिए आएंगे , उनके लिए वर्चुअल कक्षा के माध्यम से आने वाले बोर्ड परीक्षा 2024 की तैयारी के लिए रिवीजन कार्य और डाउट क्लियर कक्षा चलायी जाएँगी |  विषयगत अवगत हो कि दिनांक 01 जनवरी 2024 से राज्य के सभी विद्यालय में शीतकालीन अवकाश है तथा विद्यालय बंद रहेंगे , इसे देखते हुए छात्र हित में निर्णय लिया गया है कि इस अवधि में वर्चुअल लैब के माध्यम से छात्रों के लिए विंटर कैम्प आयोजित किये जाएँ और कक्षा 10 और 12 की आगामी परिषदीय परीक्षा को देखते हुए छात्रों के परीक्षाफल में अपेक्षित सुधार हो सकें इसके लिए इस अवधि में  कक्षा 10 और 12 के विगत पांच वर्षो के परीक्षा के प्रश्न पत्रों को वर्चुअल कक्षा के माद्यम से हल किया जायेगा |  राज्य परियोजना अधिकारी का आदेश  उक्त आदेश के आलोक में प्रत्येक वि...

प्रोजेक्ट कार्य सामाजिक विज्ञान- यूरोप में समाजवाद और रुसी क्रांति

चित्र
प्रोजेक्ट वर्क- सामाजिक विज्ञान इतिहास   यूरोप में समाजवाद और रुसी क्रांति  परियोजना का नाम-  यूरोप में समाजवाद और रुसी क्रांति  परियोजना का उदेश्य-    यूरोप में समाजवाद और रुसी क्रांति पर प्रोजेक्ट बनाने का मुख्य उद्देश्य इस दोनों महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाओं को गहराई से समझना और उनके सामाजिक, आर्थिक, और राजनीतिक प्रभावों का विश्लेषण करना है। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से, हम इन घटनाओं के पीछे छुपे सिद्धांत, विचार और सामाजिक परिवर्तनों को बोझित करके उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करने का प्रयास करेंगे। पहले, हम समाजवाद के सिद्धांतों पर ध्यान केंद्रित करेंगे। कार्ल मार्क्स और फ्रेडरिक एंगेल्स द्वारा उद्भावित समाजवाद ने उत्कृष्ट वर्ग के खिलाफ एक सामाजिक समरसता की बात की और व्यापक रूप से विभिन्न यूरोपीय राष्ट्रों में अपना प्रभाव दिखाया। हम इसके सिद्धांत, उद्देश्य और समर्थन को समझेंगे ताकि हम उसके सामाजिक परिवर्तन में कैसे योगदान दिखा सकते हैं। दूसरे हिस्से में, हम रूसी क्रांति पर विचार करेंगे, जिसे व्लादिमीर लेनिन ने नेतृत्व किया। इस क्रांति ने रूसी सामाजिक संरचना...

उत्तराखण्ड के हजारों सरकारी कर्मचारियों की मुराद पूरी

चित्र
सेवाकाल में एक बार पदोन्नति के मानकों में छूट   CABINET MEETING हाल ही में हुई कैबिनेट की बैठक में लिए गए एक फैसले से उत्तराखंड के हजारों सरकारी कर्मचारियों की मांग पूरी है जो लम्बे समय से पदोन्नति में शिथिलीकरण की मांग कर रहे थे,  सरकार ने इसके लिए अर्हकारी सेवा में शिथिलीकरण नियमावली को एक जुलाई 2023 से 30 जून 2024 तक के लिए प्रभावी कर दिया है | राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष ने कैबिनेट के फैसले पर ख़ुशी जाहिर करते हुए आभार व्यक्त किया है , उत्तराखंड में सरकारी विभागों में 10 हजार से भी अधिक ऐसे कार्मिक है जिनकी पदोन्नति अभी शेष है और उनके पद भी पदोन्नति के लिए रिक्त है लेकिन इन पदों के लिए पदोन्नति के योग्य होने के लिए जितने वर्ष की सेवा अवधि अनिवार्य है उस अवधि को वो लोग अभी पुरा नहीं कर पाएं है लेकिन इस आदेश के पारित होने के बाद उन्हें पदोन्नति के मानकों में अनिवार्य रूप से छूट मिल जाएगी |  संशय इस बात का भी जताया जा रहा है कि एक जुलाई 2023 से 30 जून 2024 तक अवधि बहुत सीमित है इससे कार्मिकों को अधिक लाभ नहीं होने वाला है क्योंकि अगले वर्ष के आरम्भ ...

अब उत्तराखण्ड भी बदलेगा माध्यमिक स्तर पर पाठ्यक्रम

चित्र
30 प्रतिशत पाठ्यक्रम उत्तराखंड पर आधारित उत्तराखण्ड भी बदलेगा माध्यमिक स्तर पर पाठ्यक्रम  उत्तराखण्ड भारत का पहला राज्य है जिसने सबसे पहले प्राथमिक स्तर पर NEP 2020 के अनुरूप अपने पाठ्यक्रम की रुपरेखा तैयार की है | इसके पश्चात अब शिक्षा मंत्री श्री धन सिंह रावत और शिक्षा अधिकारियों के आदेश पर SCERT उत्तराखण्ड ने NEP 2020 के अनुरूप माध्यमिक स्तर के पाठ्यक्रम को भी बदलने पर ध्यान केंद्रित किया है ,  NEP 2020 ने प्रत्येक राज्य को ये अधिकार दिया है वो अपने स्कूली पाठ्यक्रम में स्थानीय संस्कृति ,सामाजिक परिवेश और परम्पराओं ,भौगलिक विशेषताओं और ऐतिहासिक आधार को 30 प्रतिशत पाठ्यसामग्री के रूप में अपने स्कूली पाठ्यक्रम सम्मिलित कर सकते है |   शिक्षा मंत्री श्री धन सिंह रावत ने शिक्षा विभाग को आदेश दिए है कि तीन माह के भीतर माध्यमिक स्तर के पाठ्यक्रम में  30 प्रतिशत पाठ्यसामग्री की रुपरेखा उत्तराखण्ड आधारित बनाई जाये जिसमे उत्तराखण्ड की स्थानीय सांस्कृतिक, सामाजिक ,ऐतिहासिक और भौगोलिक विशेषताओं और पृष्ठभूमि को शामिल किया जाएँ | उत्तराखण्ड नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ...