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विदेशों में पढ़ाई करने के लिए अनिवार्य है TOEFL

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कनाडा ने भी TOEFL टेस्ट किया अनिवार्य  Test of English as a Foreign Language, TOEFL की फुल फॉर्म होती है  Test of English as a Foreign Language, कनाडा में पढ़ाई करने के लिए अब  TOEFL टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया है अब TOEFL टेस्ट कनाडा के स्टूडेंट डायरेक्ट स्ट्रीम में नामांकन के लिए स्वीकार की जाएगी यह उन अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिए एक त्वरित अध्ययन परमिट प्रसंस्करण कार्यक्रम है जो विदेशों के उत्तर माध्यमिक संस्थानों में प्रवेश की योजना बना रहे है |  TOEFL  परीक्षा अंग्रेजी भाषी विदेशी विश्वविद्यालयों में प्रवेश के इच्छुक गैर अंग्रेजी भाषी देशों के छात्रों से ली जाने वाली परीक्षा है जिससे छात्रों की अंग्रेजी भाषा में पकड़ और क्षमता का अनुमान लगाया जाता है |  TOEFL की 160 देशों में है मान्यता  विदेशों में पढ़ने का सपना देख रहे छात्रों के लिए यह परीक्षा पास करना अनिवार्य होता है TOEFL टेस्ट को 160 देशों के 12000 से अधिक शिक्षा संस्थानों में स्वीकार किया जाता है इस TOEFL टेस्ट को पास करने के बाद छात्र अपनी पसंद की यूनिवर्सिटी में प्रवेश...

छात्रों को ग्रीष्मावकाश में क्या क्या करना चाहिए

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  छात्रों के लिए कुछ महत्वपूर्ण टिप्स  ग्रीष्मावकाश  ग्रीष्मावकाश में छात्रों को कौशल विकास और आत्मचिंतन के लिए निम्नलिखित कार्यविधियों को अपनाना चाहिए: नई कौशल सीखें: छात्र अपनी पसंद के क्षेत्र में नई कौशल सीख सकते हैं, जैसे कि विद्युत यांत्रिकी, कंप्यूटर प्रोग्रामिंग, भाषाएं, कला, संगीत, डांस, खेल, आदि। इसके लिए ऑनलाइन पाठ्यक्रम, ट्यूटोरियल या संस्थानों के संगठनित कार्यक्रमों का लाभ उठा सकते हैं। पुस्तकों का अध्ययन: छात्र आत्मचिंतन और स्वाध्याय के लिए विभिन्न पुस्तकों को पढ़ सकते हैं। वे अपने आरामदायक समय में विभिन्न जनर की पुस्तकों का चयन कर सकते हैं जैसे कि स्वाध्याय, प्रेरणादायक किताबें, आत्मानुभव, जीवन उद्धार, और अन्य रुचिकर पुस्तकें। ध्यान और योग: ध्यान और योग छात्रों को आत्मचिंतन और मानसिक स्थिरता में मदद कर सकते हैं। वे ध्यान अभ्यास कर सकते हैं, जैसे कि शवासन, आनपानसति, त्राटक, योगासन, आदि। योग कक्षाओं या ऑनलाइन संसाधनों का उपयोग करके, छात्र इन तकनीकों को सीख सकते हैं और नियमित रूप से अभ्यास कर सकते हैं। वृत्तचित्र और वाद-विवाद: छात्र वृत्तचित्र और वाद-विवाद कार्...

ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों को हर महीनों मिलेगी छात्रवृति

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उत्तराखंड नैनीताल कोर्ट हल्द्वानी होगा शिफ्ट  कैबिनेट की मीटिंग हल्द्वानी के गौलापार में 26 हेक्टेयर भूमि पर नैनीताल हाई कोर्ट को शिफ्ट करने के लिए धामी सरकार ने भूमि आवंटन को मंजूरी प्रदान कर दी है , ये भूमि गौलापार हल्द्वानी क्रिकेट स्टेडियम से लगी हुई भूमि है, आज हुई कैबिनेट की मीटिंग में धामी सरकार ने 13 बड़े फैसलो पर अपनी मुहर लगा दी है , जिनमे छात्रों के लिए छात्रवृति योजना भी है इसमें टॉप स्थान पर प्राप्त करने वाले प्रथम तीन छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी ,स्नातक स्तर पर प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों को 3000,2000,1000 रूपये तथा परास्नातक स्तर पर 5000,3000 ,2000 रूपये छात्रवृति प्रदान की जाएंगी, इस मीटिंग में लिए गए कुछ मुख्य निर्णय इस प्रकार से है  मसूरी देहरादून प्राधिकरण के अंतर्गत चकराता टाउनशिप में 40 नए गॉंव जोड़े जायँगे जिससे चकराता के विकास को भी नयी गति मिलेगी |  उच्च शिक्षा में मुख्यमंत्री छात्रवृत्ति योजना के तहत हर महीने मिलेगी छात्रों को छात्रवृत्ति  नैनीताल हाई कोर्ट नैनीताल से हल्द्वानी के गोलपार में स्थानांतरित करने के लिए जमीन...

देश में महिलाएं नहीं बेच पायेगी पुरानी गोल्ड ज्वेलरी

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 01 अप्रैल 2023 से हॉलमार्क हुआ अनिवार्य  हॉलमार्क हुआ अनिवार्य भारत सरकार ने हॉल ही में सोने की ज्वेलरी और अन्य गोल्ड प्रोडक्ट्स को बेचने के लिए नए दिशा निर्देश जारी किये है जिसमे कहा गया है कि 01 अप्रैल 2023 से सभी सोने के गहनों और कलाकृतियों पर हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिटीफिकेशन नंबर (HUID)होना अनिवार्य कर दिया गया है  हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिटीफिकेशन नंबर (HUID) प्रत्येक सोने के बने गहने को एक अलग पहचान देता है क्योकि वह उसकी शुद्धता की जानकारी भी देता है |  सोने की वस्तुओं पर भारत मानक ब्यूरो का लोगो और शुद्धता का निशान (जैसे कि 22 के या 18 के)भी होना चाहिए भारत जैसे देश में जहा पर लोग सोने में निवेश को सुरक्षित निवेश के रूप में देखते है और महिलाएं भी गोल्ड को लेकर अतिउत्साही रहती है वहां पर गोल्ड की शुद्धता निर्धारित करना सरकार का उत्तरदायित्व बन जाता है | |  क्या होगा पुरानी गोल्ड ज्वेलरी का   यदि आपके पास पुरानी गोल्ड ज्वेलरी है तो अब आप इसे सीधे नहीं बेच पाएंगे इसके लिए पहले आपको इस ज्वेलरी को निर्धारित केंद्र पर जाकर  हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिटीफिकेशन...

THE RISE OF NATIONALISM IN EUROPE- HISTORY

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 THE RISE OF NATIONALISM IN EUROPE- HISTORY HISTORY QUESTION NO.1    EXPLAIN THE ROLL OF OTTO VON BISMARK IN THE UNIFICATION OF GERMANY.? ANS- Otto von Bismarck played a key role in the unification of Germany. He was the Prime Minister of Prussia from 1862 to 1890, and he used his position to orchestrate a series of wars and alliances that ultimately led to the creation of the German Empire in 1871. Bismarck's strategy for unification was based on two main principles: Prussia must be the dominant power in Germany. Bismarck believed that Prussia was the only German state that had the strength and resources to unify Germany. He therefore worked to weaken Austria, Prussia's main rival, and to strengthen Prussia's own position. Germany must be a united, but not a centralized, state.   Bismarck did not want to create a German state that was too centralized and powerful. He believed that a decentralized state would be more stable and would be less likely to threaten...

12 वी उत्तीर्ण छात्रों के लिए समर्थ पोर्टल और उत्साह पोर्टल

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शिक्षा से जुडी जानकारी हेतु सरकार ने जारी किये पोर्टल   यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन यूजीसी का उत्साह पोर्टल यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन यानि यूजीसी के चेयरमैन श्री एम जगदीश ने 16 मई को उत्साह पोर्टल लांच किया है उत्साह पोर्टल (अंडरटेकिंग ट्रांस्फ़ॉर्मेटिव स्ट्रेटेजी एंड एक्शन इन हायर एजुकेशन) को नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार और अनुरूप तैयार किया गया है इसके माध्यम से उच्च शिक्षा से जुडी जानकारियों के साथ साथ कॉलेज और विश्वविद्यालय से सम्बंधित जानकारियां भी छात्रों के लिए पोर्टल पर दी जायेंगी इस पोर्टल को छात्रों और अभिभावकों के साथ साथ कॉलेज की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ही बनाया गया है जिससे त्वरित रूप से सूचनाएं प्रसारित की जा सकें और अधिकतम छात्रहित के उदेश्यों को प्राप्त किया जा सकें |  उत्साह पोर्टल पर मिलेगी ये जानकारियां  यूजीसी के चेयरमैन श्री एम जगदीश ने अपने वक्तव्य में कहा कि उत्साह पोर्टल के शुरू होने से छात्रों को कॉलेज और विश्वविद्यालय में होने वाली भर्ती प्रक्रिया से लेकर शिक्षा से जुडी जानकारियां भी उपलब्ध कराई जाएंगी इस पोर्टल के आधार पर छात्र भार...

जलवायु परिवर्तन

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 भारत में जलवायु परिवर्तन और उसका प्रभाव  जलवायु परिवर्तन जलवायु परिवर्तन का अर्थ- जलवायु परिवर्तन का अर्थ होता है कि पृथ्वी के वातावरण में सामान्य जलवायु पैटर्न में बदलाव हो रहा है। यह मानव गतिविधियों, प्राकृतिक प्रक्रियाओं, और पर्यावरणीय कारकों के परिणामस्वरूप होता है। जलवायु परिवर्तन का कारण मुख्य रूप से जल, हवा, और मौसम प्रणाली में बदलाव होना है। यह बदलाव समुद्री स्तर में वृद्धि, वायुमंडलीय गतिविधियों में परिवर्तन, तापमान में वृद्धि, बारिश के पैटर्न में परिवर्तन और जीवनीय विविधता में प्रभाव जैसे अनेक परिणामों को जन्म देता है। जलवायु परिवर्तन वैज्ञानिकों और विश्वस्तरीय संगठनों द्वारा गहनतापूर्वक अध्ययन और मॉनिटर किए जा रहे हैं क्योंकि इसका मानव समाज, प्राकृतिक प्रणालियों, और आर्थिक विकास पर बहुत महत्वपूर्ण प्रभाव होता है। भारत में जलवायु परिवर्तन का प्रभाव और ग्रीनहाउस प्रभाव दो अलग-अलग मुद्दों को संबोधित करते हैं। हम पहले जलवायु परिवर्तन के प्रभाव पर चर्चा करेंगे। जलवायु परिवर्तन का प्रभाव: तापमान वृद्धि: भारत में जलवायु परिवर्तन के कारण तापमान में वृद्धि हुई है। इसके परिण...